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गुजरात विभाग : १२ - अहमदाबाद जिला
७. धोलका
श्री
શ્રી આદિનાથ
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मूलनायक श्री आदीश्वरजी
धोलका आदीश्वरजी जैन मंदिर
मूलनायक - श्री आदीश्वर जी यह प्राचीन नगरी है। मंत्रीश्वर वस्तुपाल दंडनायक था ।प्राचीन जिन मंदिर थे।वर्तमान में तीन मंदिर है। यहाँ पर श्री आदिनाथजी के भोयरा में से प्रभुजी ले जाकर हाईवे ऊपर श्री कलिकुंड तीर्थ बना है। वह यहाँ से एक कि.मी.होता है।
मुज अवगुण स्हामुं मत जुवो, बिरूदत्तमारू संभालो, पतित पावन तुमे नाम धरावो, मोह विडंबना टालो रे,
सिद्धगिरि मंडन पाय नमीजे, रीसहेसर जिनराय, नाभिभूप मयदेवानंदन,जगत जंतु सुखदाय रे, स्वामी तुम दर्शन सुखकार, तुम दरशन थी समकित प्रगटे,
निज गुण ऋद्दि उधार रे, स्वामी।
पुरव नवाणु वार पधारी,पवित्र कर्यु शुभ धाम , साधु अनन्ता कर्म खपावी, पहोंच्या अविचल ठामरे।।
स्वामी.
भारे कर्मी पण तें तार्या, भवजलधी थी ऊगार्या मुज सरिखा किम नाते संभार्या, चित्त थी केम उतार्या रे,
स्वामी.
श्री नय विजय विबुध पय सेवक, वाचक जस कहे साधु विमलाचल भूषण स्तवनाथी, आनंद रस भर मांचुरे।
स्वामी.
पापी अधम पण तुम सुपसाये, पाम्या गुण समुदाय अमे पण तरंशु शरण स्वीकारी, महेर करो महाराय रे,
स्वामी
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तरण तारण जगमाहि कहावो, हंछ सेवक ताहरो, अंबर आगल जईने केम जाँचु, महिमा अधिक तुमारो रे,
वामी.