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मूलनायक श्री आदीश्वरजी
६. कोंठ ( गांगड )
श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग - १
श्री कोंठ जैन मंदिरजी
मूलनायक श्री आदीश्वरजी
यहाँ पर प्राचीन मंदिर था। मुस्लिम काल में उसका नष्ट हो जाना कहा जाता है। उस मूल स्थान से ही वर्तमान में प्रतिमाजी मिली है। यहाँ के श्रावक को स्वप्न आने पर खुदाई का काम करके प्रतिमाओं को बाहर लाये । दिव्य चमत्कारिक प्रतिमाजी है। पहली प्रतिष्ठा पू. आ. श्री विजय नेमिसूरिजी महा. सा. के हस्ते हुई है। उसके बाद दूसरी प्रतिष्ठा वि. सं. १९३७ में पू. आ. श्री विजय मेरुप्रभ सूरिजी म. सा. के द्वारा हुई है। तीन शिखों से सुशोभित मंदिर है।
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जैनों के घर १५० थे । वर्तमान में १० घर है। बगोदरा हाईवे से १२ कि.मी. अन्दर कौंठ गाँव है। अहमदाबाद-धंधुका रोड़ बड़ोदरा तरफ जाती हुई बस यहाँ होकर जाती है। धोलका कलिकुंड जिसका प्राचीन नाम . विराट नगरी था वह २२ कि.मी. है।
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