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श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१
१. श्री शत्रुजय तीर्थाधिराज
शजयतीर्थ- जयतलाटी
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मूलनायक - श्री आदीश्वर भगवान
शान्त एवं सुन्दर प्रतिमाजी, पद्मासनस्थ २-१६ मीटर
शत्रुजी नदी के किनारे पालीताणा जिसका प्राचीन नाम पादलिप्तपुर मानने में आता हैं । यह पहले पुंडरीकपुर, पुंडरीकगिरी भी कहलाता था । शास्त्रो में एसा महान तीर्थ के १०८ नाम दीया हैं।
उद्धार - यह शाश्वत महातीर्थ हैं । इस तीर्थ अनेक उद्धार हुए हैं। उनमें इस अवसर्पिणीकाल के निम्न अनुसार १६ जीर्णोद्धार हुए हैं। जिनका विवरण निम्न प्रकार हैं।
१. श्री आदीश्वर भगवान के पुत्र भरत चक्रवर्ती द्वारा २. श्री दण्डवीर्य नाम के राजा द्वारा ३. (प्रथम - द्वीतीय तीर्थकरो के समय में ) श्री ईशानेंद्र द्वारा ४. श्री माहेन्द्र इन्द्र द्वारा ५. पाँचवे देवलोक के इन्द्र द्वारा ६. श्री चमरेन्द्र द्वारा ७. (श्री अजित भगवान के समय में) श्री सगर चक्रवर्ती द्वारा ८. श्री अभिनंदन भगवान के समय में व्यंतरेन्द्र द्वारा ९. श्री चन्द्रप्रभ भगवान के समय में राजा चन्द्रयशा द्वारा
आगम मंदिर आदि
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