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________________ श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१ २४२) SCENE २. थलतेज तीर्थ पानायलगवान श्रीयतामसी। यभगवान શ્રીવાસુપુજચસ્વ SDO JATNARAI मूलनायक श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथजी भोयरा में मूलनायक श्री ऋषभदेवजी मूलनायक जी - श्री ऋषभदेव स्वामी पेढ़ी-मुक्ति धाम जैन मंदिर, थलतेज श्री मुक्ति धाम केसर चन्द्र सूरिजी जैन विद्यापीठ ट्रस्ट ऊपर के भाग में श्री ऋषभदेव नीचे के भाग में श्री चन्द्रशेखर पार्श्वनाथ एवं पद्मावती की विशाल प्रतिमाजी विराजमान है। । जिन मंदिर, उपाश्रय, धर्मशाला, विद्यापीठ, दवाखाना, गुरुमंदिर, अतिथिगृह, भोजनशाला, भाताखाता, छात्रालय है। संस्था के प्रेरक-सौराष्ट्र केसरी आ. श्री विजयभुवन रत्न सूरिजी म. वि. सं. २०४२ वै. सु. ३ को उनश्री की निश्रा में प्रतिष्ठा हुई है। वहाँ पू. आ. म. का समाधि मंदिर तथा श्री आदीश्वरजी ती चरण की प्रतिष्ठा है। अहमदाबाद से ५ कि.मी. अहमदाबाद गाँधीनगर रोड पर है। समीप में कोबा तीर्थ व गाँधीनगर तीर्थ के भव्य मंदिर है। देखी श्री पार्श्वतणी मूरति अलबेलडी, उज्ज्वल भर्यो अवतार रे, मोक्षगामी भवथी उगारजो, शिवधामी भवथी उगारजो। देखी.।।१।। मस्तके मुकुट सोहे, काने कुंडलिया, गले मोतन का हार रे मोक्षगामी भवथी उगारजो। देखी. ।।२।। पगले पगले तारा गुणो संभारता, अंतर ना विसरे उचाटरे, मोक्षगामी भवथी उगारजो। देखी. ।।३।। आपना दरिशने आतमा जगाड्यो, ज्ञान दीपक प्रगटावरे, मोक्षगामी भवथी उगारजो। देखी. ।।४।। आतमा अनंता प्रभु आपे उगारिया, तारो सेवक ने भव पार रे, मोक्षगामी भवथी उगार जो। देखी. ।।५।। KAR
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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