________________
गुजरात विभाग : १२ - अहमदाबाद जिला
(२४१
(७) साबरमति रामनगर (अहमदाबाद)
मूलनायक जी-श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथजी ये प्रतिमाजी दिव्य तेजवाली है। पू. आ. श्री विजयसेन सूरिजी महा. के पट्टधर पू. आ. श्री विजयउदय सूरिजी म. की निश्रा में इस मंदिर की ७० वर्ष पूर्व प्रतिष्ठा हुई है। यहाँ पर दूसरे चार मंदिर है। समीप में केशवनगर तथा राणीप वि. मंदिर है।
यहाँ पर पाडापोल में से लायी गयी धातु की प्रतिमाजी बहुत प्राचीन है। 4 ऊपर के भाग में गोडीजी पार्श्वनाथ, नूतन शंखेश्वर पार्श्वनाथ, आशापुरा पार्श्वनाथ की प्रतिमाये है। वर्तमान के सूरि श्रेष्ठ आ. भ. श्री विजय रामचन्द्र सूरिजी महाराज यहाँ पर पुखराज आराधना भवन में २०४७ को चार्तुमास हेतु विराजमान थे। उन श्री के उपचार हेतु पालडी ले गये- वहाँ पर ९६ वर्ष की आयु में समाधिपूर्वक स्वर्गवास को प्राप्त किया। उनश्री की अपूर्व श्मशान यात्रा यहाँ पर आयी एवं २ लाख की जनमेदिनी के मध्य अग्नि संस्कार सम्पन्न हुआ। वहाँ पर उनश्री का स्मारक बन रहा है।
यहाँ पर जैनों के दो हजार घर है। अहमदाबाद के जैन धार्मिक विस्तारों में साबरमती एक महान एवं अद्भुत विस्तार है।
साबरमती मूलनायक श्री चिंतामणि पार्श्वनाथजी
समाटनगर
प्यारा.
मूलनायक - श्री शंखेश्वरा पार्श्वनाथजी सम्राट नगर सेक्टर - ३/१० घोडासर, हाईवे, अमदावाद
अमदावाद - दिल्ली हाईवे रोड उपर नारोल से १।। कि.मी. एवं नारोला से ९ कि.मी. दूर सम्राट नगर आया है। शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु की १७०० वर्ष प्राचीन भव्य प्रतिमा डेमोल गाँव से लायी गयी है। अगल-बगल में जैनों के ५० घर है। बाजू में पटवा औद्योगिक क्षेत्र है तथा अनेक जैन भाईयों के कारखाने है। इस प्रतिमा का दर्शन कर नाना प्रकार के अनुभव महान योगी पुरुषों को हुवे है। यह स्थान प. पू. आ. देव श्री प्रभाकरसूरीश्वर जी म. सा. के सदुपदेश से निर्मित हुआ है। विहार-मार्ग पर यह स्थान होने के कारण भविष्य में सुन्दर विकास होने की सम्भावना है। २०० फुट चौडे हाईवे ऊपर यह स्थान आता है। दूर-दूर से दर्शनो के लिये अनेक भावुक भव्य आत्मायें आती है।
प्यारा-प्यारा हो पार्श्व प्रभुजी-दुःख दोहग हरनार, दुःख दोहग हरनार, प्यारा-दुःख दोहग हरनार, श्री शंखेश्वर पार्श्व जिनेश्वर, अजरामर पदधार, अक्षय सुखनो तू भोगी छे, हुंदुःखियो संसार प्यारा. ।।१।। तूं वैरागी प्रभु वीतरागी, हूँ प्रभु रागी अपार, तारो मारो मेल मले क्याँ? कोण समझावे सार, प्यारा.।।२।। शिवमारग आराधन काजे, शुभ राग धरनार, . मैत्री आदि शुभभावना योगे तुम साथे मलनार। प्यारा. ।।३।। प्रभुगुणरागी, विभाग त्यागी, मुक्ति पामे निरधार, एम प्रभु तुज वचन सुणीने, आव्यो तुज दरबार। प्यारा.।।४।। तुज मुज अंतर भांगवा काजे, दर्शन द्योने दयाल, गुरु कर्पूर सूरि अमृत अरजी, ध्यान माँ ल्योने कृपाल। प्यारा. ।।५।।