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________________ गुजरात विभाग : ९ - महेसाणा जिला (२०३ २३. कडी कडी जैन मंदिर SACSC मूलनायक श्री आदीश्वर जी SAMPARA HARSHASHAN मूलनायकजी-श्री आदीश्वर दादा यह मंदिर पहले शेठवाल देरासर कहलाता था। यहाँ पर कमल पर संप्रति महाराजा के समय की २५०० वर्ष की प्रतिमा है। यह मंदिर दो मंजिलो का था।नीचे भोयरा में मूलनायक की प्रतिमा थी।पहली मंजिल पर जीरावला पार्श्वनाथ और दूसरी माल पर गोडी पार्श्वनाथजी है।अंखड ज्योती चलती है। प्रारम्भ से जीर्णोद्वार आखिरी वि.सं.२००५ में हुआ है। श्री संभवनाथजी एवं श्री चिन्तामणी पार्श्वनाथजी का मंदिर बाजार में है। यह कडी ग्राम प्राचीन नगरी थी। वि.सं. १३४७ में बसा ग्राम मुस्लिमों मराठों अंतिम गायक वाडी के राज्य में था। जैनों के ११५ घर है ।धर्मशाला तथा कन्या छात्रालय है। छात्रालय में मंदिर है। मेहसाणा-अहमदाबाद लाईन में कडी रेल्वे स्टेशन है। SHRSHAASARAS २४. कलोल मूलनायक - श्री चिन्तामणी पार्श्वनाथजी सम्प्रति महाराजा के समय की प्राचीन प्रतिमा है। जमीन में से खुदाई का काम करते समय पुरूषादानी पार्श्वनाथ मिले है। जो बताते है कि इस स्थल . पर प्राचीन मंदिर होगा। दो मंदिर पास-पास में ही है। जैनो के ३० घर है। अहमदाबाद-मेहसाणा-रोड पर है। समीप में शेरीसा तीर्थ है।
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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