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________________ २००) श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१ मूलनायक श्री कुंथुनाथजी ऊंझा जैन देरासरजी २१. वालम तीर्थ B202 मूलनायक श्री नेमिनाथजी ।। यह देरासर बहुत पुराना है । सौराष्ट्र में जैसे गिरनार है उसी तरह उत्तर गुजरात में वालम तीर्थ है । नेमिनाथ प्रभु की प्रतिमा बहुत पुरानी है। भारत के जैन तीर्थो का इतिहास में वालमतीर्थ भी बहुत प्रचलित है। म यहाँ पे भक्तजनों की आवन-जावन बहुत रहती है। जैन भोजनशाला और धर्मशाला की बहुत सी सुविधा है। यह तीर्थ विसनगर-ऊंझा के रास्ते पर आया हुआ है। महेसाणा, ऊंजा, विसनगर से एस.टी.बसे मीलती है । विसनगर से ८ की.मी. और ऊंजा से १४ कि.मी. यह वालम तीर्थ है। वालम तीर्थ जैन देरासरजी
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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