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गुजरात विभाग : ९ - महेसाणा जिला
मूलनायक श्री नेमिनाथजी
हारीज जैन मंदिरजी
३. विजापुर
मूलनायक श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथजी यह जिन मंदिर अति प्राचीन है। सम्प्रति राजा के समय की प्रतिमा है। १००० वर्ष पहले का प्राचीन निर्माण कार्य देखने को मिलता है। नीचे तलघर में मुसीबत के समय प्रतिमाओं का भंडारण हो सके इसके लिए भोयरा है। ऊपर दो मंजिल हैं। पहली मंजिल में नेमिनाथजी दूसरी मंजिल में अजित नाथजी बगल में आदीश्वर प्रभु का गर्भगृह है। नवपदजी एवं शत्रुजय के पट हैं। शिखरबन्द बनाने का विचार चल रहा है। परन्तु वर्तमान में घुमट वाला मंदिर है। पीतल की नक्काशी वाला दरवाजा है। चारों ओर कोट है।
आरसकी - ४० धातु की १०० से ऊपर प्रतिमायें है। यह नवीन भव्य मंदिर है। पू. आ. श्री बुद्धिसागरजी म. के गुरु मंदिर वगैरह हैं। यहाँ पर १ करोड़ के खर्च से ज्ञान भंडार बन रहा हैं। ५००० हस्तलिखित प्रतियाँ हैं। ४५ आगम ताड़पत्रों में तैयार किये हैं। पू. आ. सुबोधसागर सूरीश्वरजी म. के उपदेश से यह निर्माण कार्य हुआ हैं।
भव्य विशाल धर्मशाला हैं। भेजनशाला हैं। उपाश्रय दो है। यात्रीगण आते हैं। व्यवस्था उत्तम है।
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-मूलनायक श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथजी