________________
गुजरात विभाग : ८ - बनासकांठा जिला
(१७७
१९. कुंभारीयाजी तीर्थ
पुनाराया जाताथ जन मादरजा मूलनायक श्री नेमिनाथजी
गुरु महाराज ने मंदिर के काम के समाचार पूछे । पासिल ने कहा देवगुरु ९१ इंच की यह प्रतिमाजी सुन्दर एवं भव्य है। पूर्व में यह कुंभारीया गाँव
की कृपा से चलता है ऐसा कहा। उसमें अम्बिका को अपना नाम नहीं लेने आरासणा नाम से पहचाना जाता था। यह बहुत बड़ी नगरी थी। अब यहाँ
से गुस्सा आया। खान बन्द हो गयी काम अटक गया। अवशेष मिलते हैं बाकी जंगल है।
पासिल ने पाटण से वादी देव सू. म. तथा हाँसी श्राविका को आमंत्रण कहा जाता है कि विमलशाह मंत्रीश्वर ने यह मंदिर १०८८ में बनवाया
भेजा। पश्चात देव ने भव्य रीति से प्रतिष्ठा करायी। हाँसी ने पासिल के पास था। सबसे बड़ा मंदिर नेमिनाथजी का है। आ. श्री वादीदेव सूरिजी म. ने
आज्ञा मांगी नव लाख रू. खर्च करके मेघनाद मंडप कराया। पासिल को भी (११७४-१२७६) में यहाँ नेमिनाथ प्रभु की प्रतिष्ठा की थी। यह मंदिर
काम पूर्ण होने पर संतोष हुआ। आरसणा के गोगा मंत्री के पुत्र श्री पासिले ने बनवाया था। वादी देवसूरिजी
ऐसी अनेक प्रकार भव्यता से मन को आकर्षित करने वाला तीर्थ है। म. सा. ने नेमिनाथ जी की प्रतिष्ठा करायी थी। अन्य मंदिरों में १११८
यहाँ पर महावीर स्वामी, पार्श्वनाथजी, शान्तिनाथजी, संभवनाथजी के ११३८ के लेख हैं। १६७५ माघ सुदी ४ को श्री विजय देवसूरिजी म. के
जिन मंदिर हैं। महावीर स्वामी के मंदिर की सूक्ष्म कला एवं कारीगरी है। हाथों से जीर्णोद्धार पश्चात प्रतिष्ठा कराने का लेख है।
बहुत से कल्याणक आदि के प्रसंग उत्कीर्ण है। कायोत्सर्ग में ११७९ संवत् है। ____गोगा मंत्री पुत्र पासिल पाटण गये। वहाँ राजविहार मंदिर को सूक्ष्मता से
पार्श्वनाथ के परिकर में १२१२ संवत है। नेमिनाथजी के मंदिर के रंगमंडप में
कायोत्सर्ग में १३१४ संवत है। देखने गया। वहाँ पर हाँसी नाम की श्राविका ने मजाक की कि क्या सूक्ष्मता
अम्बाजी गाँव से एक कि.मी. दूर दांता मार्ग पर यह तीर्थ है। आबु रोड से देखते हो, तुम्हें ऐसा मंदिर बनवाना हैं? पासिल तो गरीब था उसने नम्रता
२४ कि.मी. है। धर्मशाला भोजनशाला की व्यवस्था है। जीर्णोद्धार से कहा 'मेरे से ऐसा मंदिर बनेगा? फिर भी बने तो आपको आना पड़ेगा।
चलता है। उसने अम्बिकाजी की आराधना की। सीसे की खान चाँदी की बन गयी
सेठ आनंदजी कल्याण जी पेढ़ी कुंभारीया पो. अम्बाजी (ता. दांता) मंदिर चालू किया।
जि. बनासकांठा।
SKAR
HOGESAR