SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 205
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१ १६८) १०. थरा DROINTMETRana REASTRO थरा जैन मंदिरजी Poli प्रगट प्रभावी श्री गोडी पार्श्वनाथ प्रभु की प्रतिमा बहुत ही चमत्कारपूर्ण है। शिखरबन्दी मंदिर है। पास में दो मंदिर हैं। आदीश्वर दादा महावीर स्वामी | आदीश्वर की प्राचीन प्रतिमा है। उपाश्रय एवं आयंबिल खाता है। यह जैन तीर्थ भाभर से दीयोदर रोड EOHHE ऊपर आता है। यहाँ पर कुल बस्ती १०००० की हैं। जैन घर २५० आसपास हैं। श्री गोडीजी पार्श्वनाथ तीर्थ मु. थरा - ३८५५५५ ता. कांकरेज (जिला बनास कांठा) उत्तर गुजरात मूलनायक श्री शान्तिनाथजी ११. खीमत ERALASAR मूलनायक श्री चन्द्रप्रभ स्वामी यह भव्य मंदिर १०० वर्ष प्राचीन है। इस जिनालय की वि. सं. १९९५ म. सुद ७ के रोज पूज्य आ. रंगविमल सूरि म. सा. के हाथों से प्रतिष्ठा हुई है। 'मुख्य मंदिर के उपरान्त छोटे मंदिरजी ४ हैं। विशाल रंगमंडप है। LATE आदीश्वर दादा का जिन मंदिर २५० वर्ष प्राचीन है। तदुपरांत चिन्तामणि पार्श्वनाथ जी की प्रतिमा जमीन में से चुदाई करते समय मिली है। ओली आयंबिल खाता वगैरह चलते हैं। बहुत विहार रहता है। विशेष - पू. सुदर्शन विजयजी म. सा. ने इस गाँव में दीक्षा ग्रहण की थी। ANIA KHNAAD ESH
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy