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________________ गुजरात विभाग : ७-कच्छ जिला (१३९ XTILIZश्रीभOuruasRLALLunanTIIIIIIIIIIIIII ALMISTELLAINMy मूलनायक श्री शान्तिनाथजी श्री भीड भंजन पार्श्वनाथजी मांडवी जैन आश्रम मूललनायक श्री शान्तिनाथजी इस मंदिर की प्रतिष्ठा सं.२०१४ जेठ सुदी ३ बुध तारीख २१-५-५८ के दिन अंचल गच्छीय जिनेन्द्र सागर सूरिजी के शिष्य क्षमानंदजी के हस्ते करवायी है। जैन मंदिर के पीछे चन्द्रप्रभ स्वामी के मंदिर में आठ पट्ट हैं। श्री केशरियाजी, राजगृही, सम्मेदशिखरजी, शत्रुजय, गिरनार, अष्टापद, आबु, एवं भद्रेश्वर जी का पट्ट बहुत सुन्दर देखने लायक हैं । मांडवी, दादावाडी मंदिर में पार्श्वनाथजी मूलनायक है। प्रतिष्ठा १०२ वर्ष पूर्व हुई है। दूसरा तीन शिखरों से युक्त अजितनाथजी का मंदिर है। श्री शीतलनाथजी के मंदिर की प्रतिष्ठा २०० वर्ष पूर्व हुई है। श्री भीडभंजन पार्श्वनाथ जी की पौने सातसौ वर्ष पूर्व प्रतिष्ठा हुई। मंदिर जी नवीन ऊपर के शीतलनाथ जी के सामने समवसरण नीचे चौमुखी ... पार्श्वनाथजी हैं। और बगल में श्री भीड भंजन पार्श्वनाथजी है। बहुत ही प्रभावपूर्ण तीर्थ है। जैनों के घर ४१० हैं। मांडवी धर्मनाथ जी का मंदिर काँच का है। वह प्राचीन है। ऊपर सुपार्श्वनाथजी मंदिर है। श्री शान्तिनाथ जी का घर मंदिर है। यह मूर्ति ७०० वर्ष पूर्व जामनगर से आयी। इस मंदिर का निर्माण हुए तीन सौ से ऊपर वर्ष हए इसमें पार्श्वनाथजी नीचे बाजु में चौमुख जी महावीर स्वामी हैं। मांडवी वि.सं. १६०० में बसा था। मूलनायक श्री शान्तिनाथ जी आश्रम अलग-अलग स्थान मध्य का अन्तर कि.मी. अलग-अलग स्थान कि.मी. मध्य का अन्तर EMARKS ४४ अहमदाबाद-शंखेश्वर १२५ शंखेश्वर-राधनपुर राघनपुर गाधीधाम गांधीधाम- भद्रेश्वर भद्रेश्वर- मुन्द्रा मुन्द्रा- मांडबी मांडवी- सुधरी सुथरी- कोठारा कोठारा- जखौ जखौ-नलिया नलिया- तेरा तेरा-भुज भुज- अंजार अंजार-गांधीधाम भुज- भद्रेश्वर भुज- अहमदाबाद जखी- अहमदाबाद जखो-जामनगर जखौ- भावनगर जखौ- पालीताणा जखौ- वडोदरा जखौ-मुंबई X ० Xm ६४४ १३ २८ ANSAR
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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