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________________ गुजरात विभाग :७-कच्छ जिला (१३५ २. मुंद्रा FDiarrello EACTET मूलनायक श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथजी मूलनायक श्री महावीर स्वामी महावीर स्वामी जैन मंदिर जी मूलनायक - श्री महावीर स्वामी श्री महावीर स्वामी का शिखरबन्द मंदिर है। तीस वर्ष प्राचीन हैं। जीर्णोद्धार श्री जिनलाभ सूरिजी श्री खरतरगच्छ आचार्य के उपदेश से वि. सं. २०३७ । श्री महावीर स्वामी श्री पद्मप्रभु स्वामी के मंदिरों में जीर्णोद्धार श्री खरतर गच्छ के मोहनलाल जी के शिष्य बुद्धिमुनि के शिष्य आनंद मुनिश्री के उपदेश से सं.२०३७ माघ शुक्ल १३ सोमवार को हुआ है। मुंद्रा में तपागच्छ जैन मंदिर श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ मूलनायक की प्रतिमा ३५० वर्ष प्राचीन हैं और फिर इस शिखरबन्द मंदिर की प्रतिष्ठा वि.सं. १९१८पोष वदी ५ को हुई हैं। जीर्णोद्धार - वि.सं. २०३३ वै. व ११ पू.आ.श्री विजय कलापुण सूरिजी म. के उपदेश से हुआ है। जैनियों के ४० घर हैं। भोलो हतो भोलवाई गयो, तारा प्रेम मां पागल थयो। कामणगारो केटलो अक नजरमाँ तारो कर्यो, चीतडानो चोरनारो चालाक पण तुं तो केटलो, बोलावतो बधायने पाछो रहे तुं तो एकलो, आज सुधी में प्रभु तुझ पासे कशुं मांग्यु नथी, शीरताज स्वामी छो छतां में साह्यबी मांगी नथी, . अखूट खजानो ज्ञाननो, में ज्ञान पण मांग्यु नथी, तारा प्रेमसागर सिन्धु नुं ओक बिन्दु मुझने आपजे... CN
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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