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गुजरात विभाग : ५ - जामनगर जिला
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मूलनायक श्री चंद्रप्रभस्वामी प्रतिष्ठा वि.सं. १९७६ वैशाख सुद-७ को अचलगच्छ के मुनिमंडल अग्रेसर श्री गौतम सागरजी म. की निश्रा में हुई है। २०१३ अषाढ़ सुद में जीर्णोद्धार हुआ। पादर में बड़ी महाजनवाडी आंबेलशाला वि.हैं।
पीपली स्टेशन ४ कि.मी.है। हाइवे पर बेड पास से ६कि.मी. नवागाम बसमार्ग है। इस गाँव में जैनों की ही बस्ती है। और उनका उत्साहदेखकरपू.आ. विजय अमृत सूरीजी म. 'जैनपुरी' कहते थे वह प्रभाव छाप दृढ़ हो गई।
३४. रावलसर
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रावलसर जैन मंदिर
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मूलनायक श्री शान्तिनाथजी
मूलनायक श्री शान्तिनाथजी इस मंदिर की प्रतिष्ठा वि.सं. २०३२ फाल्गुन सुदी ३ को पू.पं. श्री अभय सागर जी म. की निश्रा में हुई है। जामनगर खंभालीया हाईवे से १ मील अन्दर है। यहाँ से २ मील लाबाबावल, दो मील वसई तथा नाधेडी है।
सुधासोदर वाग्ज्योत्स्ना निर्मलीकृत दिमुखः; मृगलक्ष्मा तमः शान्त्य, शान्तिनाथः जिनोऽस्तु वः,
३५. लाखाबावल - शांतिपुरी
मूलनायकजी श्री शान्तिनाथजी
विशेष- आ.श्री विजय जिनेन्द्र सूरिजी म. तथा मुनिराज श्री योगेन्द्र प्रतिष्ठा- वि. सं. २०११ जेठ सुदी २ को पू. हालार देशोद्धारक पू. आ.
विजय म. की जन्मभूमि कर्मभूमि से गौरवशाली गाँव है। आयंबिल भवन, Jश्री विजय अमृत सूरिजी म. तथा पू.आ. श्री विजय भुवनसूरिजी म. की धर्मशाला हैं। १ निश्रा हुई है। सुन्दर उपाश्रय, ज्ञानभंडार है। महावीर शासन, जैन शासन जामनगर से द्वारिका रेल्वे लाइन ऊपर प्रथम स्टेशन है। हाइवे से २ प्रकट होते है।
कि.मी.है पक्का रोड है। पास में कनसुमरा, नाधेडी, रावलसर मंदिर है। श्री हर्ष पुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला द्वारा ३२५ से ऊपर ग्रन्थों का प्रकाशन हुआ है 66666666666666