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________________ गुजरात विभाग ५ ५ जामनगर जिला 辘辘辘辘 श ८. मोटा वडाला (देरावाला वडाला ) 981830 स्वामा मूलनायक श्री चन्द्रप्रभु जी प्रतिमाजी ७०० वर्ष प्राचीन है। धोराजी से यहाँ आयी है। प्रतिष्ठा १९२१ माघ सुदि ७ गुरुवार श्री चारित्र वि. म. की निश्रा में हुई है। १०० वर्ष पूर्व का मंदिर है। संवत २०३२ में जीर्णोद्धार मनसुखलाल धनी वोरा के प्रयत्न से हुआ है। यहाँ पर जैनों के घर ४० थे । वर्तमान में ५ घर हैं । कालवड से १५ कि.मी. है। राजकोट कालावड हाईवे ऊपर ५ कि.मी. अन्दर है। શ્રી लुठन्तो नमतां मूर्ध्नि निर्मलीकार कारणम्, वारिप्लवा इव नमः, पान्तु पाद नखांशवः मोटा वडाला जैन देरासरणी तुभ्यं नमस्त्रिभुवनार्ति- हराय नाथ!, तुभ्यं नमः क्षितितलामल भूषणाय, तुभ्यं नमः त्रिजगतः परमेश्वराय तुभ्यं नमो जिन ! भवोदधि शोषणाम ९. कालावड (शीतला) दर्शनं देवदेवस्व दर्शनं पापनाशनम् दर्शनं स्वर्ग सोपानं दर्शनं मोक्षसाधनम् अन्यथा शरणं नास्ति, त्वमेव शरणं मम। तस्मात् कारुण्यभावेन, रक्ष रक्ष जिनेश्वर ! मूलनायक जी श्री नमिनाथ जी घर मंदिर वि.सं. २०३३ अ. सु. ३ शिखरबंदी वि.सं. २०४० माघवदी १० उपदेशक - गच्छाधिपति पू. आ. श्री कैलाश सागर सू. म. सा. तथा पू. आ. श्री विजय प्रभाकर सूरिजी म. । प्रतिष्ठा पू. आ. श्री विजय विनयचन्द्र सू.म. की निश्रा में हुई है। जामनगर जूनागढ़ हाईवे ऊपर हैं । (८७)
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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