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________________ विसुद्धिमग्गो पादट्ठीनि, चतुसट्ठि मंसनिस्सितानि मुदुअट्ठीनि, द्वे पहिकट्ठीनि, एकेकस्मि पादे द्वे द्वे गोप्फकट्ठानि, एकं जपणुकट्टि, एकं उरुट्ठि, द्वे कटिट्ठीनि, अट्ठारस पिट्ठिकण्टकट्ठीनि, चतुवीसति फासुकट्ठीनि, चुद्दस ऊरट्ठीनि, एकं हदयट्ठि, द्वे अक्खट्ठीनि, द्वे कोट्ठट्ठानि, द्वे बाहुट्ठीनि, द्वे द्वे अग्गबाहुट्ठीनि, सत्त गीवट्ठीनि, द्वे हनुकट्ठानि, एकं नासिकट्टि, द्वे अक्खिट्ठीनि, द्वे कण्णट्ठीनि, एक नलादृठि, एकं मुद्धट्ठि, नव सीसकपालट्ठीनी ति एवं तिमत्तानि अट्ठिसतानि तानि सब्बानि पि वणतो सेतानि । ८६ सण्ठानतो नानासण्ठानानि । तत्थ हि अग्गपादङ्गुलिअट्ठीनि कतकबीजसण्ठानानि । तदन्तरानि मंज्झपब्बट्ठानि पनसट्ठिसण्ठानानि । मूलपब्बट्ठीनि पणवसण्ठनानि । पिट्ठिपादट्ठीनि कोट्टितकन्दलकन्दरासिसण्ठानानि। पण्हिकठ्ठि एकट्ठितालफलबीजसण्ठानं । गोफन बद्धकीळागोलकसण्ठानानि जङ्घट्टीनं गोप्फकट्ठिसु पतिट्ठितट्ठानं अनपनीततचसिन्दिकळसण्ठानं । खुद्दकजङ्घट्ठिकं धनुकदण्डसण्ठानं । महन्तं मिलातसप्पपिट्ठिठा। तो परिक्खीणफेणकसण्ठानं । तत्थ जङ्घट्ठिकस्स पतिट्ठितट्ठानं अतिखिणग्गगोसिङ्गसण्ठानं । ऊरुट्ठि दुत्तच्छितवासिफरसुदण्डसण्ठानं । तस्स कट्टिठिम्हि पतिट्ठितट्ठानं कीळागोलकसण्ठानं। तेन कटिट्ठिनो पतिट्ठितट्ठानं अग्गच्छिन्नमहापुन्नागफलसण्ठानं। से, चारों ओर एक दूसरे से परिच्छिन्न हैं। यह इनका सभाग परिच्छेद है। विभाग परिच्छेद केश के समान ही है । (७) २६. अट्ठि – बत्तीस दाँत की अस्थियों (हड्डियों) को छोड़कर, शेष- चौसठ हाथ की अस्थियाँ, चौंसठ पैर की अस्थियाँ, चौसठ मांस के सहारे रहने वाली कोमल अस्थियाँ, दो एड़ी की...प्रत्येक पैर में दो दो नरहर (घुटने के नीचे का पैर) की..., एक घुटने की..., एक जंघा की..., दो कटि (कमर) की..., अट्ठारह पीठ की काँटेनुमा अस्थियाँ, चौबीस पर्शु (पँसली) की..., चौदह छाती की..., एक हृदय की..., दो अक्षक (हँसली) की..., दो पेट की..., दो बांह की..., दो दो अग्रभुजाओं की ..., सात गले की..., दो ठुड्डी की..., एक नाक की..., दो आँख की..., दो कान की..., एक ललाट की..., एक मूर्धा की..., नौ सिर (शिरः कपाल) की अस्थियाँ - इस प्रकार तीन सौ अस्थियाँ हैं । वे सभी वण्णतो सफेद हैं। संस्थान से-नाना आकार की हैं। उनमें, पैर की अंगुलियों के अग्रभाग की अस्थियां रीठा के बीज के आकार की हैं। उसके बाद मध्यवर्ती (अस्थियाँ) कटहल के बीज के आकार की। मूल प्रदेश की अस्थियाँ ढोल (एक प्रकार का वाद्य) के आकार की हैं। पैर के पृष्ठभाग की अस्थियाँ कूटे हुए शकरकन्द के गुच्छों के आकार की होती हैं। एड़ी की अस्थि एक गुठली वाले ताड़ के फल के बीज के आकार की होती हैं। गुफ की अस्थियाँ एक साथ बांधी हुई दो खेलने की गोलियों के आकार की हैं। नरहर की अस्थियां जहां वे गुल्फ की अस्थियों पर प्रतिष्ठित हैं, छिलके सहित खजूर के ... आकार की हैं। नरहर की छोटी हड्डी धनुष के डण्डे के समान हैं। बड़ी हड्डी मुरझाये हुए (सूखे हुए) साँप
SR No.002429
Book TitleVisuddhimaggo Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDwarikadas Shastri, Tapasya Upadhyay
PublisherBauddh Bharti
Publication Year2002
Total Pages386
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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