________________
धन्यवाद
इस तत्त्वार्थसूत्र जैनागम समन्वय की द्वितीयावृत्ति को श्रीमती रत्नदेवी जी (धर्मपत्नी स्वर्गीय लाला लब्भूराम सर्राफ फर्म लाला तोतामल तिलकराम जैन सर्राफ लुधियाना) अपने स्वर्गीय पतिजी की स्मृति में निज व्यय से छपवा कर प्रकाशित कर रही हैं।
प्रत्येक महानुभाव को इनका अनुकरण करना चाहिये।
निवेदिकादेवकीदेवी जैन
मुख्याध्यापिका जैन गर्ल्स स्कूल
लुधियाना।