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अह सुत्तभावणं सो एगग्गम
अह सुत्तभावणं सो एगग्गम अह सुयसमिद्धिहे, सुय
अह सुरकरिकरतवमाणअह सेसावस्सयसंजयस्स अह सो हंसाणवती
अह सोउन्जोयेतो तेरण
अह सोऽणादी ण घडई अह सो तप्पडिबद्धो वत्था - अह सो धम्मायरिओ
आह सो निव्विसओ च्चिय अह सो परस्स एवं तदभावो
अह सो पाओगओ
अह सोऽवाहितविसओ
अह सो वि मत्तहत्थी
अह सो विहियहियओ
अह सो संजमपुत्तो
अह सो सम्मद्दिट्ठी, संपन्नं अह सो सयणिज्जाओ उ अह सो सिमारूढो अह सो सेलेसीए झाणाणअह सो सोहम्मवती अह सोहणतिहिकरणे
(ध.सं.) २७३ (ध.सं.) ३५८ (आय. १) १११ (ध.सं.) ३५६ (ध.सं.) ६९१ (आय. २) ९३२ (ध.सं.) ४३० (धूर्ता.) २२ (भ.भा.) ३५५ (न.मा.) ८1७७ (श्रा. ध . ) ४५ (भ.भा.) ३५८ ( आरा. २) ११९ ( अ.प.) १२७ (ति.गा) २२२ (उ.वि.१) २१ (ति.गा) १८८ अह सो हविज्ज बालो, (उ.वि. २) ४ अहस्स सच्चे १ अणुवी - (सं.प्र.) ७४१ अहस्ससच्चे अणुवीइभासए (आय. १) ७४७
अह सोहम्मे कप्पे
अहस्ससच्चे अणुवीय
(प्र.सा.) ६३७ (द्वा.कु.) २१९
(म.कु.) २४ (हि. उ. ) ३९८ (उ.चि.) १९५ (वि.मं.) ३८
अहह असुहाण कम्माण, अहह! दुहपिडियाए जीए अहह भवन्नवपारं, चरित्त - अहह गए विउसेण वि. अहह । मह पावदुब्बिल अहह महासाहसिया, अहहरि उबरिम हरु गणि अह हरिसिया कुलगरा अहह हुंड अवसप्पिणि अह हिरिकुच्छाहि सया - अह हीणं दव्वत्थयं अणुअह हेककारणनाम
अह होड को विरोहो अह होज निद्धमराई अहो पिच्छ अप्राणअहागओ नंदसुओ अहापवतसुद्धाणं संताणं
(पंच.)
(प्र.स.) २१ (ति.गा) ७७५ (जी.अ.) २४४ (ति.गा) २२३ (भ.भा.) ३५२
१३९८ अहासभासित्तमदीणवित्ती,
अहिं परिचत्तउ निसिअहिंसणं सव्वजियाण धम्मो अहिंसालक्खणो धम्मो अहिंसा लक्खणो धम्मो, अहि उवएसंतो पहने
अहि ऊ अजहद्वाणं अहिए भावुल्लासे, अहियाअहिओ धन्मुच्छाहो, अहिकखतेहिं सुभासिआई अहिकुलभयसंवगणो अहिगणिती वि इहं अहिगय काउस्सग्गं वामगअहिगयगुणसाहम्मियपीई अहिगय जिण पदम थुई, अहिगयजीवाजीवाण, अहिगयतित्थविहाया भगवं अहिगयरं गुणवणं अहिगयसत्थपरिण्णाइगाउ अहिगयसुंदरभावस्स अहिगरणखामणं खलु अहिगरण- णिवित्ती वि अहिगरणाई जाई अहिगरणाई जाई हलकअहिगरणाणं सगडाइयाण अहिगा तक्खयभावे पच्छित्तं अहिगारसूयणा खलु १ अहिगारा वि य बारस अहिगारि उगिहत्थो,
अहिगारिणा इमं खलु अहिगारिणा इमं खलु, अहिगारिमा इमं खलु | अहिगारिणा उ काले, अहिगारिणा खु धम्मो, अहिगारिणा विहीए, अहिगारिणो उ पंच अहिगारिणो उवाएण अहिगारिणो गिहत्थो अहिगारिणो य पंच
| अहिगारिणो य पंच अहिगारी उ महत्थो अहिगारी जं एसो, दोसो अहिगारीणमिमेसि अहिगारी पुण एवं विष्णे
(म.कु.) २३ (गणि.) ९९ (ति.गा) १२६
(का. कु.) २१
अ
( अ.प.) ३७ (उ.र.) ३७ (श.भा.) ७३१ (पा. स.) ३२ (पंच.) ३५७ (जी.आ.) २१८ (न.मा.) २१२८ (म.शु.) ८१
३२
(द्वा.कु.) १११३ अहिगारी य गिरी (बा.बो.) ३२ अहिगिलइ गलइ उभरं, (उ.स.) ४२ अहिगो उ माणभागो (वि.मं.) ६७ अहिचक्कि अस्सिणाई (स.शा.) २४० अहिणउलमयमयाहिवप (प्र.प.) ५५० अहिणवधम्माणं वा (प्र.प.) ४१२ अहिदंसे जीवावण कहणा (चे.म.) ८५२ अहिनवगहणं बंधो, (चे.म.) ५९३ अहिमादवरियरस व (पंच.) १००७ अहिमाणविसोपसमत्थयं (धूर्ता.) ३११ अहियं च धम्मचरणं चेई (पंच.) १२७५ अहियं मरणं अहिअं च (पंच.) ६६७ अहियं होही सीतं, (पंचा.) ८७ अहियस्स हीणछेवं हीणस्स (चै.भा.) ५२ अहिया जइ तुह किरिया (हि.उ.) १३४ अहियासिआ अंतो आसने (पंचा.) ४३० अहियासिऊण तग्गयचित्तो (पंच.) १४९२ अहिलससि चित्तसुद्धि, (पंच.) ६१३ अहिवणं पिंजरए, (पंचा.) ८८४ (श्रा.प्र.) ३६५ (स्त) १६६
(च.प.) १५ (वि. सा.) ८६३ (द्वा.व.) ३७ (वि.वि) २८७ (वि.वि.) ११ (चैत्य.) २
(ई.प.) २१
(पंचा.) २९६
(दं.प.) १८ (वि.सा.)६२१ (चे.म.) १० (श्रा. ध.) ३
(ई.प.) २३ (गुरु.) २
(यो.श.) ८ (वि. सा. ) ६२२
(प्र.सा.) ९४ (वि. सा.) ७२१ पंचा.) २९८ (हि.ज.) १५४ (चे.म.) १७८ (यो.श.) ९
अहि ३८ वसु ३९ भगा
अहिवासणमंते कंकण
अहिवासिय कुसुमावणं अहि विण्णा कयसावत्ता, अहिसारिआ अडयणा य
अहि १ सावय २ पच्चअहिसित्तो जह राया अरुणा मासविहारं
|
अनुदीरणा असंखेज्जसमय अहेगया तस्स निकेयणम्मि
अहो एयस्स इत्येव, जम्मे अहो! नायपुत्तेणिमं अहो ते अज्जवं साहू अहो ते निजिओकोहो
अहो ! धण्णो हु सो अहो धन्नो उ एसो उ
अहो मोहो महामाचे,
(द्र.स.) ५ (सं.सि) १७
| निच्चं अहो नि तोकम्मादि अहो पंचनमोकाराहयान
अहो भत्ती अहो राओ, अहो! मोहो महामलो अहो मोहो महामालो,
(श.भा.) ८३७
(ज्यो.सा.) २०९
(पंचा.) ७२
(षट्) ७१
(उ. प.) ७१७
(क.भा.) ३२
(प्र.सा.) ८२१ (नि.) १४४
(उ. प.) ७६८
(उव.) ४४४ (ति.गा) ९३५ (गणि.) १३४
( अ.प.) ६२ (पंच) ४४१ (उ. प.) २१७
(आ.कु.) २१
(दे.ना.) २३(ज.प.) ३६५
(प्रति.) ११
(प्र.वि.) ४३
(दे.ना.) २५
(पा.ल.) ५६
(गाथा.) ४६०
(प.वि.) १९
(प्र.प.) ५१७
(कर्म.) ३५२ (न.मा.) २३ (श्र.दि.) ४२
(श्रुता.) ६३
(गु.ह.) १५
(गु.ह.) १४ (पू.शु.) ९४ (श्री.दि.) ३९
(उ.प.) ६८५
(पंचा.) ९६१
(प्रा.दि.) ४०
(इ.प.) ५३ (श्री.दि.)३०५