SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 242
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ देवाण महरिसीण वि देसस्स य कालस्स य, देवाण महरिसीण वि (य.च.) ५० देवीऍ सप्पभक्खण जीवावण (उ.प.) ५३० देवो धम्मो मग्गो, (दं.प.) ५ देवाण माणुसाण . (सा.प.) ३८ देवीओ चक्केसरि अजिया (प्र.सा.) ३७५ देवो धम्मो मग्गो (न.प्र.) ३ देवा तण १ फल २ चंदण (उप.) २३ देवीओ चक्केसरि१ अजियार (वि.सा.)४३२ देवो नामणगारो कम्मगुरू (उ.प.) ४२१ देवा देवीओ वि य सिंघाड- (स.प्र.) ३६ देवीओचक्केसरि १, अजिया (सप्त.) २२७ देवो नेरइउ त्ति य, किड- (वै.श.) ५८ देवा देवीहिं समं (सा.प.) ११ देवीओ चक्केसरी १ अजिया (एक.) ५९ देवो नेरइउ त्ति य, कीड (उव.) ४५ देवा न देंति दरिसणं (ति.गा) ९११ देवीओ चेव इला १ (ति.गा) १५७ देवो रागी यतिः संगी। (सं.प्र.) १४३० देवा नेरइआ वा, असंख (त्रै.दी.) ४३९ देवीणं थुइ करणे, (स.शा.) १५९ देवोवयणपहाए रयणी (ति.गा) १३५ देवा नेरइया वा असंख- (श्रा.प्र.) ७४ देवीतुट्ठो राया ओरोहस्स (श्रा.प्र.) ११६ देवो व समणसंघो (ति.गा) ६९३ देवा य भवणवासी (जी.स.)१६ देवीथुइ आयरणा, (स.शा.) १६५ देवो वि पुढवीकाए (पं.लि.) ४३ देवा रिसिणो वि परे, (उ.चि.) १४ देवी दोहल एगत्थंभप्पासाय (उ.प.) २० देवो सुभगाएज्जाण (कर्म.) २३९ देवालयम्मि सावयपोसह- (सं.दो.) ७३ देवी पणपण्णाऊ इत्थित्तं (जी.स.) २३० दे वो हुइण सकोवणिण, (बा.बो.) ३८ देवा वसंति पुच्छ (आ.अ.)३९ देवी पभावई जं पडिमाइ (पा.स.) ५६ देसं-खित्तं तु जाणित्ता, (श्रा.दि.)१७४ देवा वि किंकरतं, कुणंति- (त.कु.) ८ देवीपूया पमुहं, रिक्खा- (ज्यो.) २०२ देसं भुच्चा कोई हाहा! (आरा.२)४१९ देवा वि देवलोए दिव्वा- (उव.) २८५ देवी य पुष्फचूला जुवलग (उ.प.) १३१ देसकुलजाइरुवाइ,-एहिं (न.प.) ४० देवा वि देवलोए निग्गंथं ___ (चं.प.) ३४ देवी सयप्पभाऽहं सुरज्जइ (वि.ण.) २९१ देस-कुल-जाइ-रूवी, (पु.मा.) ३३० देवा वि देवलोए निच्चं (चं.प.) ३३ देवीसुमंगलाए भरहो (ति.गा) २८३ देस-कुल-जाइ-रूवी, (दं.प.) १४८ देवा वि देवलोएसु, हुंति (श्रा.दि.) १९३ देवीहिं माणुसीहिं, (अ.आ.)२९ देसकुलजाईरूवी संघयणी (सं.प्र.) ६०० देवा विमाणवासी, जोइ- (चे.म.) ६८७ देवुवओगे तोसो नियरूवं (उ.प.) ५४० देसक्खए अजुत्तं जुगवं (वि.ण.) १९४ देवा विसयपसत्था नेरइया (र.सं.) १२० देवे अ पराहुत्ते दटुं देसक्खयोऽत्थ जेसिं दीसइ (ध.सं.) ११६६ देवासुरनागसुवननामगा (नं.स्त.) १४ देवे गुरुम्मि तत्ते अत्थि (स.स.) २९ देसग्घाइरसेणं पगईओ (पं.सं.) ५५७ देवाहिदेव परमेसर! (स.प्र.) १३ देवे गुरुम्मि संघे (गु.श.) ९४ देसचरणं गिहीणं, मूलत्तर (पु.मा.) ११५ देवाहिदेवाण गुणायराणं, (मू.शु.) ३९ देवे वंदे निच्चं, पणसक्कत्थ- (सं.नि.) ८ देसजयमप्पमत्तं मोत्तुं (श.भा.) १२४ देविंदचक्कवट्टित्तणाई, (ध्या.श.)९ देवेसु उत्तमो लाभो, (प्र.सा.) ८५३ देसण निवसंबोही तुट्ठो (उ.प.) ७०८ देविंदचक्कवट्टित्तणाई, (इ.प.) १६ देवेसु उत्तमो लाभो। (वि.सा.)३२९ देसण्णाणाभावो जह (वि.ण.) १५३ देविंदचक्कवट्टित्तणाई गुण- (सं.प्र.) १३१९ देवेसु य मणुएसु (क.प्रा.१) ३१ देसण्णाणोवरमे जह (ध.सं.) १३५३ देविंदचक्कवट्टित्तणाई, (पु.मा.) ९ देवेसु वीयराओ, चारित्ती (पु.मा.) १५४ देसण्णाणोवरमे जह (वि.ण.) १५१ देविंद-चक्कवट्टी इंदियसुक्खं (आरा.२)९५८ देवेसु सुरवरिन्दो करीसु (दा.मा.) ९१ देसदुगविरय चउरों (पं.सं.) ४९२ देविंदणयं विज्जाणंदमयं, (का.स.) १ । देवेहि इमं घुटुं (सा.प.) ४८ देसम्मि उत्तरगुणे सत्तण्हं (सं.प्र.) १५१३ देविदतुल्लभूई, लद्धिपुलागो (गु.त.) ४८ देवेहि कया महिमा (सा.प.) ४४ देसम्मि उ पासत्थो, (गु.त.) ३७१ देविदत्थय गणिविज्ज-या. (यो.कु.) २६ देवेहि कामदेवो, गिही (उव.) १२१ देसम्मि य पासत्तो सिज्जा- (सं.प्र.) ३४५ देविदत्थयमाई पइण्णगा (जोग.) ६१ देवेहिं गोअमाओ कह (धूर्ता.) ३९६ देसम्मि य पासत्थो (प्र.सा.) १०५ देविंददाणविदेहि, नारएणं (श्रा.दि.)७० देवेहिं दाणवेहि य सुओ (षष्ठि.) ४ देसवसुसूररीसाहिंसाइवन- (जी.अ.)३२३ देविंदनयं विज्जाणंदमयं (योनि.) १ देवेहिं नाडइज्जं केवलि- (सा.प.) ८५ देसविघाइत्तणओ, (पं.सं.) १५८ देविंदमहिअ सामिअ, (देह.) १ । देवेहि भेसिओ वि (आरा.२)१२९ देसविरइगुणठाणे अकरण- (उ.प.) ७३० देविंदयाण लेसो, (दे.प्र) ३७८ देवेहि वयणमुत्तं (न.मा.) ७६२ देसविरइगुणठाणे पढमो (उ.र.) ११३ देविंद-राय-गहवइ-सागरि- (आरा.२)५४० देवेहिं संपरिवुडो देविंदो (वि.सा.)१०२ देसविरइपरिणामे सइ (श्रा.प्र.) १०९ देविंद१ राय२ गिहवइ३ (वि.सा.)२४८ देवेहिँदेवीहिँ य माणवेहि- (मू.शु.) ३४ देसविरयम्मि बारस देविंद राय गिहवइ सागरि (प्र.सा.) ६८१ देवेहि पूइयगुणा (सा.प.) ४ देसविरयविरयाणं सुभगाए- (कर्म.) २७५ देविंदविंदवंदियपयपउमं (पा.स.) १ देवेहि य सो भणिओ (धूर्ता.) ३८९ देसविरयाइया पुण बीय- (श.भा.) ८२३ देविंदसूरिपट्टे स माणगुत्तेण (प.वि.) ८६ देवो गुरू य धम्मो, (शी.उ.)५ देसविरयाणमविरयसम्माण (आरा.२)४५ देविंदोवमरिद्धी दयावरा (उ.वि.१) ५१ देवो जहन्नयाऊ, दीहु- (पं.सं.) ३२७ देसविरुद्धाईणि उ, इमाई (हि.उ.) ३४९ देविंदोवमरिद्धी, दयावरा (उ.वि.२) ४३ देवो जिणिदो गयरागदोसो (सं.श.) ७ देसविसेसपसिद्धीइ (दे.ना.) ४ देविन्दविन्दवन्दिअ-पयार- (पिं.वि.)१ देवो जिणोऽद्वारस दोस- (सं.श.) ८ देसस्स भंगओ वा (ध.प.) २८ देविय-माणुसभोए (आरा.२) ६८५ देवो जिणो साहु गुरू (भा.कु.२) ७ देसस्स य कालस्स य, (हि.उ.) ३२० ૨૨૧
SR No.002422
Book TitlePrakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2009
Total Pages446
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy