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________________ तत्तो य अट्ठमीया भवई तत्थ पुण वंदणाइम्मि तत्तो य अट्ठमीया भवई (प्र.सा.) ५८२ तत्तो विसन्नचित्ता (प्र.प.) १६६ तत्थ जहन्ने सव्वं विगइगयं (ल.सा.) ११५ तत्तो य अपज्जत्ता सुहुमा (प्र.पा.) ५० तत्तो विसुद्ध परिणाम (ध.वि.) ४५ तत्थ जहन्नो गिम्हे चउत्थ (प्र.सा.) ६०३ तत्तो य अप्पमत्ते, (क.प्रा.२)२ तत्तो विसेसअहियं (पं.सं.) ४६१ तत्थ जिणा भगवंतो, (चे.म.) ३५१ तत्तो य अप्पमत्ते, नियट्टि (दं.प.) २३४ तत्तो विसेसपूयापुव्वं (पंचा.) ३९३ तत्थ जिया एगविहा, (नव.४) २ तत्तो य अहक्खायं खायं (पंचा.) ४९८ तत्तो वेउव्विअसव्वबंधगा (बं.ष.) ३० तत्थट्ठपयं उव्वट्टिया व (कर्म) १४८ तत्तो य अहक्खायं, खायं (दं.प.) २२८ तत्तोऽसंखगुणूणा (पं.सं.) ४१४ तत्थ ठवेउं सीहासणेसु- (ति.गा) १७१ तत्तो य अहक्खायं खायं (जी.क.)३७ तत्तो संगीएणं, मंगल- (उ.वि.२) २४ तत्थ णिओगो एसो, (गु.त.) १।१४ तत्तोय आसकन्ना हरिकन (प्र.सा.) १४२६ तत्तो संघो खवगो (आरा.१)५१७ तत्थ णिमित्ते सरिसे (ध.प.) ६६ तत्तो य आसकन्ना, हरिकन्ना (बृ.क्षे.) ४५९ तत्तो सड्ढदुसट्ठीसहस्सेहिं (ल.क्षे.) १२२ तत्थणुओगो पढमो, (व्या.वि.) ९ तत्तो य कज्जवुज्झणकोट्टण- (उ.प.) १७९ तत्तो समए समए इक्किक्के (प्र.सा.) १०२१ तत्थ तमो अन्नाणं, रूविज्जइ (चे.म.) ६६४ तत्तो य चइत्ताणं (ति.गा) ६१७ तत्तो समए समए एक्कक्के (जी.स.) १२२ तत्थ तिपल्लाउया जुअला (न.मा.) ११।१० तत्तो य चइत्ताणं इहेव (श.सं.) १३४ तत्तो समए समए एक्केक्के (प्र.सा.) १०२३ तत्थ तिहा सम्मत्तं, खइयं (श्रा.ध.) १४ तत्तो य तन्निमित्तं इह (श्रा.प्र.) २५० तत्तो सयलसमीहियसिद्धी (पंचा.) ४३३ तत्थ तुमे पुव्वण्हे पाणं (उ.वि.१) ३६ तत्तो य तस्सऽभेदे तेणं (ध.सं.) ९१४ तत्तो सरीरपत्ते ओरालसरीर- (स.सा.) ६० तत्थ तुमे पुव्वण्हे, पाणं (उ.वि.२) २९ तत्तो य निरयपाला भणंति (भ.भा.) १२५ तत्तो सलायपल्लो वि चेव (सि.सा.)१६३ तत्थत्थि केवलं इह मिच्छत्तं- (श.भा.) ७३४ तत्तो य नीलवंतो, सुहत्थि (बृ.क्षे.) ३२६ तत्तो सव्विड्डीए, मागह- (उ.चि.) २०० तत्थत्थिगवरि तित्थं (न.मा.) १०५ "तत्तो य पइ-दिणं सो (स्त.) ३० तत्तो सिद्धाययणं पयाहिणी- (स.प्र.) २४ तत्थ त्थि गाहगस्स (सं.दो.) १२८ तत्तोय पत्थरित्ता (स.शा.) १३४ तत्तो सुदेसणाईहिं होइ (वि.वि) ८५ तत्थरिथ सत्थवाहो (न.मा.) ७३ तत्तो य पहायम्मी (ति.गा) १२० तत्तो सुहजोएणं सट्ठाणे (पंचा.) ३६५ तत्थत्थे रोयंतो, सम्मद्दिट्ठी (चें.म.) १७७ तत्तो य भावसारं, भणिऊणं (चे.म.) ८३८ तत्तो सुहझाणातो पासवणु- (ध.सं.) ९५७ तत्थ धणं गणिमं धरिममेवं (द्वा.व.) १५ तत्तो य भूयदिन्नं लोहच्चंत (ध.मा.) ११६ तत्तो सोहम्मसभापुरच्छि- (स.प्र.) ३५ तत्थ धुवाणं बंधो- (श.भा.) २२४ तत्तो य महापउमा, (दी.प.) १०७ तत्तो सोहिनिमित्तं (पो.वि.)५७ तत्थ न जरा, न मच्चू, (आरा.३)३३५ तत्तो य समंतेणं (ति.गा) ४२७ तत्तो ह परिणतीओ भिन्ना (ध.सं.) २२४ तत्थ न पत्तं केहि (न.मा.) ८७६ तत्तो य सलद्धीए, कहणे (गु.त.) २२२२१ तत्तो होइ पमत्तो (श.भा.) १२७ तत्थ न मुहुत्तमित्तं (सं.प्र.) ७०४ तत्तो य सहस्साई, उड्डे (बृ.क्षे.) ५५१ तत्त्व ज्ञानां ग धर्मे (सं.प्र.) ८२९ तत्थ नरत्तं तत्थ वि सुहखित्तं (द्वा.कु.) ७२ तत्तो य सिंधुयाव-त्तणे (बृ.क्षे.) १३६ तत्थंतराया बहवे पसिद्धा, (उ.स.) ६२ तत्थ नरा पणधणुसयउच्चा (वि.वि.)८५ तत्तो य सुद्धदंतो सिरिउत्तो (श.सं.) १५५ तत्थंतिम्मि पयरे रिट्ठाभवि- (कृष्ण.) ५ तत्थ नियाणं तिविहं (आरा.२)६८१ तत्तो रण्णा भणिअं (प्र.प.) ६२२ तत्थ अईओ कालो (वि.वि.)७४ तत्थ नियावासाओ गुरुवसहिं (पो.वि.)७ तत्तो रूवऽवहारे परित्तम- (सि.सा.)१७६ तत्थ अणुकिट्ठभणण- (श.भा.) ७८९ तत्थ पइट्ठाभेओ न हवइ (सं.प्र.) ३९ ।। तत्तो वज्जेण सिरम्मि (भ.भा.) ३८७ तत्थअपज्जत्तपज्जत्तनर- (इ.कु.) ६ तत्थ पएसे जलमयतमकाओ (कृष्ण.) ३ । तत्तो वयगहणमणा (कृष्ण.) १६ तत्थ अभत्तदुगं सो, (पी.ष.) १४ तत्थ पडिणिअसद्दो- (प्र.प.) ५०६ तत्तो व (?वि) किंचि (गणि.)२ तत्थ अवण्णासायण (सं.प्र.) ८१ तत्थ पडिमिज्जमाणा (जो.प.) ६१ तत्तो वाघायणुभाग- (पं.सं.) ६४२ तत्थ असंपत्तेऽत्था चिंता (प्र.सा.) १०६३ तत्थ पडिवक्खभूओ (प्र.प.) ५८६ तत्तो वि अपइसमयं (प्र.प.) ५८८ तत्थ उ ते पंचविहा (आरा.१) ३५७ तत्थ पढमं पढिज्जा सुत्तं (उ.च.१)१६ तत्तो वि अ बलवंते (प्र.प.) ६८९ तत्थ उ ते पंचविहा, (प.आ.) १२८ तत्थ पढमं विसुज्झिअ (स.उ.) १५ तत्तो वि उत्तमा खलु, (गाथा.) ६३ तत्थ कमेणं पणगं (पिं.लो.)३४ तत्थ पढमाणुपुव्वी, (नम.) ६ तत्तो वि किरमाणो (स्त.) १९१ तत्थ करेइ उवेहं जा, (द्र.स.) २० तत्थ पढमो चरिते दंसण- (पो.वि.)७३ तत्तो वि कीरमाणे (पंच.) १३०० तत्थ कल त्ति कलाया (र.सं.) ४१२ तत्थ परिणामजणिया (सं.प्र.) १२८२ तत्तो वि चुओ संतो, (प्र.कु.२)२० तत्थ किर उड्डलोए, चउरासी (चे.म.) ६४४ तत्थ परीसह समिई, (नव.४) ४२ तत्तो वि जइ तइ तम्मि (ध.सं.) ४९५ तत्थ किर जोगठाणाणि (श.भा.) १०५५ तत्थ पहाणो अंसो बहु- (स्त.) १६० तत्तो वि दाहिणेणं (प्र.पा.) २० तत्थ केण वि तियसेण (न.मा.) ११।१९ तत्थ पहाणो अंसो बहुदोस- (पंचा.) ३३२ तत्तो वि दो वि विहिणा (पंच.) ९५५ तत्थ गओ बहुकालो (न.मा.) १०।१४ तत्थ पहाणो अंसो बहुदोस- (पंच.) १२६९ तत्तो वि परं नियम (प्र.प.) ६०५ तत्थ गुरुपारतंतं विणओ (पंचा.) ८६८ तत्थ पुण जहन्नपयं, (नि.ष.)३ तत्तो वि य जं कुसलं (वि.वि) ९ तत्थ चउरिदिआई जीवे (पंच.) ६४२ तत्थ पण वंदणाइम्मि (पंचा.) २९२
SR No.002422
Book TitlePrakrit Padyanam Akaradikramen Anukramanika 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2009
Total Pages446
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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