________________
छर्हि माहिं दिनकरो
छहि मासेहिं दिणकरो छहिँ गुजि मासओ
हिउ वि भक्तरु छाइये अपईवे सरिसे छाप अणुकुईए गंडे छाएइ अणुक्कुइए उरोरुहे खणउई बावन्तरि सत्तदुछाणय मण चालीसं तह छानिय सेर सवायं बंधि (द्र.प.) ६ छाया छाही पाहु (पा.ल.) २३६ छायाणुवेहओ खलु जुज्जइ (वि.विं) ३३६ छायाहि न जोगोऽसंगत्ताओ (वि.वि) ३३७ छायापहि मुणिसंजु हिं ( य.च.) ६० छायापड चंदोवय सराइ (गणि.) २४७ छायामिसेण कालो, (वै.श.) ९ छाया रासी होरा, पण्हक्खरयं (ज.पा.) ३६५ छायाकोडीगुणतीस (वि.कु.) ९ छायालसयं गुणतीस, (बृ.क्षे.) १०६ छायालसेसमीसो, अविरय- ( क - ६) ७० छायाला छच्च सया, बाणउइ (बृ.क्षे.) ५७२ छायाला तिन्नि सया, (बृ.क्षे.) ५५८ छायालीसं सहस्स, जंबूद्दीवा (बृ.क्षे.) ३६९ छारस्स होइ पुंजो, (आय. ३) १९६ धारा नगद (स्व.) १।३१ छाव सर्व सोलस, सहस्स (वै.दी.) ३५० छावसयं सोलस, सहस्स (बृ.सं.) २४२ छावा दुन्निसया, जहन्नमेयं (बृ.सं.) ६४ छावट्ठि कोडीओ एकावन्नं (र.सं.) १२४ छावा चउस बावट्ठ (श.सं.) ३३ छावा च सहस्सा व (जो. प.) १३५ छावट्टिउयहिनामा साहीया (जी.स.) २३२ छह सड्डी परे (वै.दी.) ३९२ छावट्ठि सयं सोलस,. (दे.प्र) १०७ छावद्विसदसहस्सा छव्वीस (ति.गा) ५०८ छावट्टिसहस्साई नव चेव (वै.दी.) १०१ छावद्वि सहस्सा, नव चेव (बृ.क्षे.) ६५० छावद्विसहस्साई, सपाई (मं.प्र.) ३१ छावद्विसहस्साई सीसाणं (ति.गा) ४८५ सावीय मुहुता (जो. प.) ३३७ छावठ्ठी १२ सगवन्ना १३ (सप्त) २३० छावत्तरं गहाणं, पंतिसयं (मं.प्र.) ६ छावत्तरं गहाणं, पंतिसयं (जै.दी.) ६९ अवतरि इगसत्तरि (स.भा.) १४६ छावत्तरी सहस्सा, सत्त (बृ.क्षे.) ६४३
(जो. प.) २३५ (गणि.) ९
(बा.बी.) ६.३ (दे.ना.) ३२१ (पंच) ८२९ (प्र.सा.) ५३५ (श्रा.भं.) २१ (गणि) ३१०
छ
अवलिये सासाणं,
(ग) ६१९ (प्र.सा.) १३०८ (स.उ.) २३ (पं.सं.) ७६० (गणि.) ८३ (ल.क्षे.) १७९ (सा.भा.) ८ (स.भा.) १५३ (धूर्ता) ३८२ (वि.सा.) ५११ (ति.गा ) ६८९
अवलिये सासाणं समहिय छावलिसेसाई पर अवरे छावलि सेसाए उवसमछासट्टि टंकतुल्ले तुलिया छासट्रिसहस नवसय खसी अपरा अच्चुयाए छासीइ असई सुरदुगि छासीइसहस्साई दहइ रवी छासीई वासाइं राया छासीतीओ समाओ छिदंति असीहि तिसूलसूल - (भ.भा.) १०७ छिज्जतो भिज्जतो पिलिज्जं (सं.प्र.) ९२५ छिज्जतो भिज्जतो पीलि- ( स.स.) २७ छिज्जं सोसं मलणं बंधणं (भ.भा.) ५१३ छिज्जति दूसियभावो तहो- (पंचा.) ७६३ छिण्णकरचरणगुव्विणि- (पिं.लो.) ५० छिण्णसिर- बन्दि-भूसा- (दे.ना.) ५७१ छिण्णा णासा कण्णो (धूर्ता.) २५४ (धूर्ता.) १११ (धूर्ता.) २६८ (सं.प्र.) ७५३ (दे.ना.) १९८ (ज.पा.) १७५ (उ.र.)
१९८
छिण्णा य तीइ पंखा से छित्तम्मि अ अच्छंतो तत्तो छित्तू णियपरियागं पोराणं दिग्मि कंठदोणारछिदे तत्थंरिपं (रत्यंतरियं ?), छिन्दिउमसुहविगप्पं कोहाइछिन्ना भिन्नाय मए ििदिया नपुंसा दुरूव छिन्नुब्भावि अतित्था छिप्पंती वय-ऊसवभेए, छिप्पंदूरं गोमयखण्डम्मि छिप्पं भिक्खा-पुच्छेसु, छिप्पालय- छिक्कोअण
छिप्पीरं च पलाले,
छिल्ली सिहाइ, छित छीया सच्चा तिविहा, बाला छीरं पयं च दुद्धं, छुट मच्हं लहुअं छुप्यति न एकेण वि छुरियग्गमुक्कपुष्कं घेत्तु छुरिय- हुरमाड-धुनुसया रियाजगडपलादा चठतोल छुहपीडियावि रोगा- उय छुहवेयणवेयावच्च-संजम छुहिअस्स जहा खणमवि
933
(खा.कु.) १० (सं.प्र.) ११६२ (प्र.प.) ५६ (दे.ना.) ३२३ (दे.ना.) ३२४
(दे.ना.) ३२२ (दे.ना.) ३१५ (दे.ना.) ३१४ (दे.ना.) ३१३ (ज्यो.) २२४ (पा.ल.) १२३ (पा.ल.) १७१ (चे.म.) ३०९ (दे.ना.) १२१
(दे.ना.) ३१७ (द्र.प.) ११४ (उ.चि.) ३६२ (पिं.वि.) ९८
(य.स.) ६८
पहिलद्धसत्ता दुर्ग
"
अस्स जहा खणमवि सुहियं पिवासियं वा वाहि छुहियं सोहं कुविअं छेअसुआईएस अ ससमय छेअस्स जाव दाणं,
छेअस्स जाव दाणं ता छेएण छेय गुणियं छेएण रूवगुणिए छेपगमे
छेएन विसुज्झती, छेओ इग दुग एकग, छेओ चउ अड तिग नव,
छेओ छ एक्क चउ पणछेओ तिग दुग चउ छेओ दुग सन्नेक्कग, छेओ नव दुग दुगओ,
छेओ भेओ वसणं, छेओवट्ठावणिअप्पमुहुछेओवद्वावणिए, पायच्छिता छेओवट्ठावणियं, चइउं
छेतर अणव्वसुप्पाइ छेत्तूण निसियसत्थेण छेतूण य छेदं तेरसेहि छेतूण य परियार्य, छेण वरिससंखं छेतून सीहपुच्छगिईणि
छेदग्गंथ महानिसीहपवरे छेधो थासय-चोरे, छेयंके बिउण कए छेयण- फालण-डाहे
छेपण भेयण डहणं छेयण-भेयण-ताडणछेयण सोसण भंजण छेयणि घडणु ज्जालणि छेयम्म पढमकं परिहारछेय समईय संखा, देस छेयसुत्थे रयणीयमे
छेय हय रूवरासी अंसा
छेयहियलद्धमिंग दुग, छेयहियलद्धमिंग पण,
( सामा . ) ६५ (भा.भा.) २७६ (सं.मा.) १२३
(पंच.) ९७८
(गु.त.) १।१०० (य.स.) २०० (गणि.) ९५
(गणि.) ९६
(आरा. ३) १२८
(बृ.क्षे.) ९६ (पृ.क्षे.) ८४ (बृ.क्षे.) १०७
(बृ.क्षे.) ७५
(बृ.क्षे.) ११२
(बृ.क्षे.) ११८
(उव.) ५०
(प्र.प. ) ६० (गु.त.) १२१८८
(पं.प्र.) ७९.
(दे.ना.) ३१८
(भ.भा.) २३०
(जो.प.) ३८८
(पं.प्र.) १२
(जो. प.) ३९२
(भ.भा.) ११०
(स.शा.) ५८
(दे.ना.) ३२५
(गणि.) ४९
(आय. ३) १६८
(आरा. १) ८५६
(आरा. ३) २२६ (भ.भा.) १८२
(द्र.प.) ४३ (सं.प्र.) १५३०
(क-४) ४२ (जी.अ.) ११६
(गणि.) ४७
(बृ.क्षे.) १२०
(यू.क्षे.) ११४
छेयहियलद्धमुर्वारं पक्खि
(बृ.क्षे.) १०३ छेयहियलद्धगुवारं पक्खिव (बृ.क्षे.) ८६ छेयहियलद्धमुवरिं, पक्खिव (बृ.क्षे.) ९१ छेयहियलद्धमुवरिं, पक्खिव (बृ.क्षे.) ९८ | छेयहियलद्धसत्तग, दुगं
(बृ.क्षे.) १०९