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________________ श्री शत्रुजयतीर्थाधिपति श्री आदिनाथाय नमः प्रभु श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरेभ्यो नमः वैक्रमीय ११२५ वर्षे श्री तपागच्छीय-वजशाखीय-नवाङ्गी वृत्तिकारगुरुभ्रातृ श्री अभयदेवसूरिसमभ्यर्थित-श्री जिनचन्द्रसूरिशेखर विरचिता श्री सचेगरङ्गशाला प्राकृत ॐ आशीर्वाद र श्रीविद्याचन्द्रसूरीश्वराः मुनिराजश्रीरामचन्द्रविजयः 3 सम्पादक र मुनिश्रीजयानन्दविजयः प्रकाशक र श्री गुरु रामचंद्र प्रकाशन समिति भीनमाल 9) मुख्य संरक्षक र मु. श्री जयानंदविजयजी आदि ठाणा की निश्रा में २०६५ में पालीताणा में चातुर्मास एवं उपधान करवाया उस प्रसंगे लेहर कुंदन ग्रुप श्रीमती गेरोदेवी जेठमलजी कुंदनमलजी बालगोता परिवार मेंगलवा, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, हरियाणा
SR No.002420
Book TitleSamveg Rangshala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayanandvijay
PublisherLehar Kundan Group
Publication Year
Total Pages308
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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