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परस्मैपदिनः]
हैमधातुपाठः। १८३ विधौ शास्त्रमाङ्गल्ययोः | २०४ चमू छमू जमू झमू जिमू १८४ शुन्ध शुद्धौ
अदने १८५ स्तन धन ध्वन चन खन वन २०५ क्रमू पादविक्षेपे शब्दे
| २०६ यमूं उपरमे १८६ वन षन संभक्तौ
२०७ स्यम् शब्दे १८७ कनै दीप्तिकान्तिगतिषु णमं प्रहले १८८ गुपौ रक्षणे
२०९ षम ष्टम वैक्लव्ये १८९ तपं,-धुप, सन्तापे २१. अम शब्दभक्त्योः १९० रप लप जल्प व्यक्ते वचने २११ अमद्रम हम्म मिमृ गम्लं गतौ १९१ जप मानसे च २१२ हय हर्य क्लान्तौ च .. १९२ चप सान्त्वने
२१३ मव्य बन्धने १९३ षप समवाये २१४ सूर्य ईमं ईर्ण्य ईर्ष्यार्थाः १९४ सप्लं गतौ
२१५ शुच्यै चुच्यै अभिषवे १९५ चुप मन्दायाम् २१६ त्सर छद्मगतौ १९६ तुप तुम्प त्रुप त्रुम्प तुफ तुम्फ | २१७ क्मर हुर्छने
त्रुफ त्रुम्फ हिंसायाम् | २१८ अभ्र वभ्र मध्र गतौ १९७ वर्फ रफ रफु अर्ब कर्ब खर्ब | २१९ चर भक्षणे च
गर्ब चर्ब तर्ब नर्ब पर्ब बर्ब शर्ब २२० धोक्र गतिचातुर्ये
पर्ब सर्ब रिबु बु गतौ २२१ खोक्र प्रतिघाते १९८ कुबु आच्छादने २२२ दल त्रिफला विशरणे १९९ लुबु तुबु अर्दने
२२३ मील श्मील स्मील क्ष्मील २०० चुबु वक्तसंयोगे
निमेषणे २०१ सृभू सृम्भू त्रिभू पिंभू भर्भ २२४ पील प्रतिष्टम्भे हिंसायाम्
२२५ णील वरणे २०२ शुम्भ भाषणे च २२६ शील समाधौ २०३ यभं जभ मैथुने
२२७ कील बन्धे