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________________ ॥ जयउ सवण्णू सासणं ॥ ॥ नमामि नित्यं गुरुरामचन्द्रम् ॥ जगद्गुरु - श्रीहीरविजयसूरीश्वरसाम्राज्यवर्तिभ्याम्, शाहीश्रीअकब्बरजलालुद्दीन - सम्मानिताऽघ्रियुगलाभ्याम्, जैनोपाध्याय - श्रीमद्भानुचन्द्र-सिद्धिचन्द्रगणिवराभ्याम् समुद्भुतया टीकया परिमण्डिता महाकवि - बाणभट्ट - तदपत्य - भूषणभट्ट - विनिर्मिता कादम्बरी ॥ पूर्वभागः ॥ सपादक व्याख्यानवाचस्पति - देवद्रव्यादिधर्मद्रव्यसंरक्षक - पूज्यपाद - परमगुरुदेव आ.भ.श्री.वि.रामचन्द्रसूरीश्वराणा पट्टालङ्कार - परमशासनप्रभावक - पू.आ.भ.श्री.वि.नयवर्धनसूरीश्वराणां कृपापात्रशिष्यरत्न, अध्यात्मनिधि, पूज्यगुरुदेव - मुनिराजश्रीभव्यवर्धनविजयमहाराज्ञां विनेयरत्न - पूज्यगुरुदेव - मुनिश्रीमङ्गलवर्धनविजयमहाराज्ञां शिष्याणुः मुनिहितवर्धनविजयः प्रकाशक कुसुम अमृत ट्रस्ट - शांतिनगर, अलकापुरी, वापी (वेस्ट) - ३९६१९१..
SR No.002411
Book TitleKadambari Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHitvardhanvijay
PublisherKusum Amrut Trust
Publication Year2005
Total Pages494
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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