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* गीता दर्शन भाग-7 *
और यह जो और की दौड़ है, इसका कोई भी अंत नहीं हो | का फल नहीं है। सकता, क्योंकि यह हर चीज पर जुड़ जाएगी। जो भी आप पा लेंगे, तो यह विरोधाभासी बात आप समझ लें। आसुरी संपदा वाला आपका आसरी संपदा वाला मन कहेगा, और। आप सोच भी नहीं सोचता है. और। और। और। और जितना सोचता है उतना कम सकते कोई ऐसी स्थिति, जब आपका मन कहे कि बस, काफी! । | होता जाता है, क्योंकि जीवन क्षीण हो रहा है। दैवी संपदा वाला __आप सोचें, कभी एकांत में बैठकर यही सोचें कि कितना धन | | और का विचार नहीं करता, जो है, उसको पूरे के पूरे समस्त भाव आपको मिल जाए, तो आपका मन और नहीं कहेगा। तो आप | | से स्वीकार करके डूबता है। इस डूबने से और निकलता है, और अपने साथ ही खेल में पड़ जाएंगे। पहले सोचेंगे, दस करोड़। बहुत कुछ उसे मिलता है। लेकिन भीतर-अभी कोई दस करोड़ दे भी नहीं रहा है, मिल भी । जीसस से किसी ने पूछा कि क्या यह भी हो सकता है कि हम नहीं गए हैं लेकिन भीतर कोई कहेगा, इतने कम पर राजी क्यों | परमात्मा को भी खोजें और संसार के सुख भी हमें मिल जाएं? तो होते हो जब दस अरब हो सकते हैं!
जीसस ने कहा, तुम संसार के सुखों की बात सोचो ही मत। फर्स्ट तो जो आपको आखिरी संख्या मालूम है, वहां तक तो आपका | यी सीक दि किंगडम आफ गॉड, देन आल एल्स शैल बी एडेड मन दौड़ाएगा। और आखिरी संख्या पर भी आपको बेचैनी अनुभव अनट य। पहले तम परमात्मा को खोज लो. फिर सब उसके पीछे होगी कि और गणित क्यों न सीख लिया! और गणित जानते, तो चला आएगा। आज यह मुसीबत तो न होती। आज अटक गए यहां आकर, दस वह जो परमात्मा का तलाशी है, दैवी संपदा का जो व्यक्ति है, महाशंख या एक करोड़ महाशंख, कहां अब...जो संख्या आती | वह इसी क्षण में परमात्मा की तलाश कर रहा है। शेष सब भी आता है, वह भी छोटी मालूम पड़ेगी। सारी दुनिया आपको मिल जाए, | है, लेकिन उस शेष सबकी उसकी कोई मांग नहीं है। तो भी छोटी मालूम पड़ेगी।
जितनी हो मांग कम, उतना ज्यादा मिलता है। जो मांगते हैं, सिकंदर को किसी ने कहा कि तू जीत तो रहा है दुनिया को, भिखारी रह जाते हैं। जो नहीं मांगते, सम्राट हो जाते हैं। जीवन बड़ा लेकिन अगर तूने दुनिया जीत ली तो मुश्किल में पड़ेगा। सिकंदर पहेली से भरा हुआ है! जो मांगते हैं, भिखारी रह जाते हैं। उनके ने कहा, कौन-सी मुसीबत होगी? जिसने कहा था, वह था | | पास जो है, वह भी छिन जाता है। जो नहीं मांगते, सम्राट हो जाते डायोजनीज, एक फकीर। उसने कहा, तब तुझे पता चलेगा कि | | हैं; जो उनके पास नहीं था, वह भी मिल जाता है। दूसरी दुनिया नहीं है; मुसीबत में पड़ जाएगा। एक दफे पूरी दुनिया | जीसस का एक बहुत विरोधाभासी वचन है। जीसस ने कहा है, जीत ली, तब तुझे पता चलेगा कि दूसरी दुनिया नहीं है। | अगर तुम मांगोगे, तो जो तुम्हारे पास है, वह भी छीन लिया
और कहते हैं कि सिकंदर उसी क्षण उदास हो गया। और उसने | | जाएगा। और अगर तुम बांटोगे, तो जो तुम्हारे पास नहीं है, वह भी कहा कि ऐसी उदासी की बातें मत करो। पहले मुझे एक तो जीतने | दे दिया जाएगा। दो। लेकिन चित्त उसका उदास हो गया यह बात सोचकर ही कि | ऐसा ही है और ऐसा ही प्रतिपल हो रहा है। जो-जो आपने जीवन एक जीतने के बाद फिर दूसरी कोई दुनिया नहीं है। और कहीं भी | में मांगा है, वह कुछ भी आपके पास है नहीं। जो-जो आपने जीवन थकेगा नहीं, और की मांग चलती ही जाएगी।
| में दिया है, छोड़ दिया है, वह सब आपके पास है। जिसे हम छोड़ दैवी संपदा वाला व्यक्ति आज, यहीं जो उसके पास है, जो वह | | देते हैं, वह सदा के लिए हमारा हो जाता है। और जिसे हम पकड़ है, उसको परिपूर्णता से जीता है। इसका यह अर्थ नहीं कि उसका | | लेते हैं, वह सदा के लिए बोझ हो जाता है, और छूटने की तैयारी विकास नहीं होता। उसका ही विकास होता है। और भी निकलता करता रहता है। है आज से, लेकिन वह उसकी मांग नहीं करता। वह आज को जीने | | मैंने आज यह तो पाया है और इस मनोरथ को प्राप्त होऊंगा तथा से उसका और निकलता है। और उसकी मांग नहीं है, उसके जीवन | | मेरे पास यह इतना धन है फिर भी यह भविष्य में और अधिक का फल है।
होएगा। तथा वह शत्रु मेरे द्वारा मारा गया और दूसरे शत्रुओं को भी संपदा वाला व्यक्ति आज तो जीता नहीं, और को मैं मारूंगा। मैं ऐश्वर्यवान हूं, ऐश्वर्य को भोगने वाला हूं और मैं सोचता रहता है। उसका और केवल मन पर दौड़ रहा है; वह जीवन | | सब सिद्धियों से युक्त बलवान एवं सुखी हूं।
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