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संदेह की आग
लोग दुनिया से शराब मिटाना चाहते हैं, वे ही इस दुनिया में शराब | सपना छुटकारा दे रहा है बुद्धि से। के जिम्मेवार हैं। क्योंकि वे ही लोग बुद्धि को थोपते हैं, कि शराब अभी वैज्ञानिकों ने प्रयोग किए हैं कि अगर नींद में बाधा डाली में यह खराबी है, यह खराबी है, इसलिए मत पीओ। इससे यह | जाए, तो ज्यादा नुकसान नहीं होता। लेकिन सपने में बाधा डाली नुकसान है, यह नुकसान है, इसलिए मत पीओ। ये ही लोग हैं, जाए, तो ज्यादा नुकसान होता है। रात में कुछ घड़ी आप सपना जिन्होंने सब नुकसान और खराबियां बता-बताकर भाव के जगत देखते हैं, कुछ घड़ी सोते हैं। तो वैज्ञानिकों ने ऐसे प्रयोग किए को भीतर बिलकुल कुंठित कर दिया है। और इन्हीं की कृपा है कि हैं-अब तो जांचने का उपाय है कि कब आप सपना ले रहे हैं और उस कुंठित आदमी को थोड़ी देर को तो राहत चाहिए, तो वह पीकर | कब सो रहे हैं तो जब आप सपना ले रहे हैं, तब जगा दिया राहत ले लेता है। थोड़ी देर को वह खुल जाता है।
हड़बड़ाकर। जब भी सपना लिया, तब जगा दिया। और जब शांति __ आप देखें, एक आदमी शराब पीता है; जैसे-जैसे शराब पकड़ने | से सोए रहे, तो सोने दिया। तो पाया कि आदमी तीन दिन से ज्यादा लगती है उसको, उसके चेहरे पर रौनक आने लगती है। मुस्कुराने | | बिना सपने के नहीं रह सकता। बिलकुल टूट जाता है। लगता है। जिंदगी में गति मालूम पड़ने लगती है। क्या हो रहा है? दूसरा प्रयोग भी किया है कि जब नींद आई, तब जगा दिया। यह आदमी अभी मरा-मरा क्यों था? इस आदमी में यह ताजगी और जब सपना आया, तब सोने दिया। कोई तकलीफ नहीं होती। कहां से चली आ रही है?
सुबह आदमी उतना ही ताजा उठता है। इसलिए पहले खयाल था यह शराब से नहीं आ रही है। शराब तो जहर है; उससे क्या | | कि नींद से ताजगी मिलती है। अब मनोवैज्ञानिक कहते हैं, सपने ताजगी आएगी! यह ताजगी इसलिए आ रही है कि ताजगी तो सदा | से ताजगी मिलती है। से भाव में भरी थी, लेकिन दबाकर बैठा था। अब वह जो दबाने | बड़ी हैरानी की बात है। सपने से ताजगी क्यों मिलती होगी? वाली थी बुद्धि, शराब उसको बेहोश कर रही है। वह पहरेदार सपने से ताजगी इसीलिए मिलती है कि बुद्धि का बोझ हट जाता बेहोश हो रहा है। तो भीतर के दबे हुए भाव बाहर आ रहे हैं। है। और जब बुद्धि का बोझ हट जाता है, तो आप जिंदगी का रस
इसलिए शराब पीकर आदमी ज्यादा आदमी मालम पडता है. लेकर वापस लौट आते हैं। जिंदा मालूम पड़ता है, अच्छा मालूम पड़ता है, भला मालूम पड़ता __ भक्त जागते जिंदगी का बोझ फेंक देता है और एक आध्यात्मिक है। शराब यह सब कुछ नहीं कर रही है। लेकिन शराब पहरे को हटा | स्वप्न में लीन हो जाता है। उस स्वप्न में वह सब कुछ न्योछावर रही है। वह जो तर्क का और बुद्धि का झंडा गड़ा हुआ था और बंदूक कर देता है। और कृष्ण कहते हैं, तब उसे मैं उठा लेता हूं। लिए पहरेदार खड़ा था, वह पी रहा है शराब, वह बेहोश हो जाएगा। तुम्हारी बुद्धि से जो सत्य दिखाई पड़ रहा है, वह इतना सत्य
यही काम नींद कर रही है। सुबह आप ताजे मालूम पड़ते हैं, | नहीं है, जितना प्रेम और भाव से दिखाई पड़ने वाला स्वप्न भी क्योंकि रात सपनों में तर्क से नहीं चलते, भाव से चलते हैं। रात | सत्य होता है। सपने में तर्क सो जाता है और भाव की दुनिया मुक्त हो जाती है। अब पांच मिनट कीर्तन करें। लेकिन कोई बीच में न उठे। कीर्तन आकाश में उड़ना हो, तो उड़ते हैं। उस वक्त यह नहीं कहते कि मैं पूरा करें और फिर जाएं। संदेह करता हूं, आकाश में उड़ना कैसे हो सकता है ? हम उड़ते हैं। सुबह भला संदेह करें। लेकिन रात मजे से उड़ते हैं। और जिससे प्रेम करना है, उससे सपने में प्रेम कर लेते हैं। उस वक्त यह नहीं कहते कि यह मैं क्या कर रहा हूं! यह अनैतिक है।
सपने में आप भाव से जीने लगते हैं; बुद्धि हट जाती है। इसलिए रात ताजगी देती है। सुबह आप ताजे उठते हैं। आप सोचते होंगे कि सपनों की वजह से आपको नुकसान होता है, तो आप गलती में हैं। वैज्ञानिक कहते हैं कि अगर सपना न आए, तो आप सुबह ताजे होकर न उठ सकेंगे। सपना आपको ताजा कर रहा है, क्योंकि