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8 आंतरिक सौंदर्य
क्या हर्ज है! तब आपको पता चलेगा कि हर्ज का है मामला। | आपको पता ही होता कि मेरी गिरी अलग है, खोल अलग है। भीतर
अभी कोई आपको एक धक्का मार दे जोर से, तो धक्का शरीर मैं अपनी मौज ले रहा हूं, शरीर को कोई पता नहीं चल रहा। पूछने तक ही लगता है कि मन तक चला जाता है? मन तक चला जाता | का कारण दूसरा है। शायद बहुत ही कच्चे नारियल हैं। बहुत ज्यादा है। सच तो यह है कि शरीर को बाद में पता चलता है, मन को | जुड़े हैं। शायद अभी भीतर गिरी भी नहीं है, पानी ही पानी है। पहले पता चल जाता है। तो अभी आपका शरीर और मन बहुत __ क्यों, यह डर क्यों हो रहा है कि शरीर से भाग न लें? यह डर करीब-करीब हैं, अभी दूरी नहीं है उसमें।
हो रहा है कि पास-पड़ोस में कोई देख न ले। कि अरे, आप कंप मैं निरंतर एक घटना कहता रहा हूं। एक मुसलमान फकीर हुआ, | रहे हैं। ताली बजा रहे हैं! आनंदित हो रहे हैं! आपको कोई रोते फरीद। एक आदमी उसके पास आया और फरीद से पूछने लगा कि | देखे, तो कोई एतराज नहीं। आपको कोई उदास देखे, तो किसी को मैंने सुना है कि मंसूर को काट डाला जब, तब भी मंसूर हंसता रहा। | एतराज नहीं। आप बिलकुल रोती शक्ल बनाए हुए जिंदगीभर जीते यह भरोसा नहीं आता इस बात पर। और यह भी मैं सुनता हूं कि | | रहें, तो कोई आप पर संदेह और दिक्कत नहीं खड़ी करेगा। आप जीसस को सूली लगा दी गई और उन्होंने कहा कि ये जो सूली | जरा मस्त हों, कि आपके आस-पास के लोग परेशान! और वे लगाने वाले लोग हैं, हे परमात्मा, इन्हें माफ कर देना। यह बात भी आपसे कहेंगे, आपको क्या हो रहा है? क्या होश खो रहे हैं? जैसे जंचती नहीं। कोई मुझे पत्थर मारे, कोई मुझे सूली लगाए, कोई मेरी | | दुखी होना ही समझदारी है, और मस्त होना यहां नासमझी है। गर्दन काटे, यह मैं नहीं कर सकता हूं। मैं समझने आया हूं। ठीक भी है, दुखी लोगों के समाज में जो आदमी मस्त होगा, वह
तो फरीद ने उसे उठाकर एक नारियल दे दिया। भक्त फरीद को | समाज से अलग जा रहा है, और दूसरे लोगों में ईर्ष्या पैदा कर रहा नारियल चढ़ा देते थे। एक नारियल उठाकर दे दिया और कहा कि है। तो ईर्ष्या जब पैदा होती है, जो दूसरे लोग उसकी निंदा करेंगे। तू इसको फोड़ कर ला। एक ही बात का खयाल रखना कि गिरी | उसको कहेंगे कि तू पागल है। क्योंकि कोई अपने को पागल नहीं भीतर की साबित रहे, टूट न पाए।
मानना चाहता। और यह भीड़ उदास लोगों की; इसकी संख्या वह नारियल कच्चा था। वह आदमी मुश्किल में पड़ गया। ज्यादा है। वे कहेंगे कि तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है, इसलिए उसकी ऊपर की खोल तोड़े, तो भीतर की गिरी टूटे, क्योंकि वह इतने मस्त नजर आ रहे हो! कच्चा नारियल था। बड़ी कोशिश की, लेकिन गिरी टूट गई। ___ एक आदमी ने मुझसे आकर कहा कि जब से मैं ध्यान करने लगा लौटकर आया और उसने कहा, माफ करना। मैं गिरी को बचा न हूं, मस्त रहने लगा हूं, तो मेरी पत्नी परेशान है। वह आपके पास पाया, क्योंकि खोल और गिरी बिलकुल जुड़ी हैं। नारियल कच्चा | आना चाहती है। वह कहती है, इनको क्या हो गया है ? इतनी मस्ती है। आप भी किस तरह की बात करते हैं!
तो कभी देखी नहीं। इनके दिमाग में कुछ खराबी तो नहीं हो गई? फरीद ने दूसरा नारियल उठाकर दिया। वह सूखा नारियल था। मस्ती खराबी का लक्षण है! पहले ये क्रोध भी करते थे, अब इनसे कहा कि अब इसकी फिक्र कर तू। इसको तोड़ ला, गिरी बचा | कुछ कहो, तो ये हंसते हैं! तो उससे ऐसा डर लगता है कि कहीं . लाना। उसने बजाकर देखा। उसने कहा कि इसमें कोई अड़चन नहीं | | इनके दिमाग में कोई नट-बोल्ट ढीला तो नहीं हो गया! क्योंकि है। खोल तोड़ देंगे, गिरी बच जाएगी। क्योंकि खोल और गिरी के | स्वभावतः, जब कोई गाली दे, तो लड़ने को तैयार होना चाहिए। ये बीच फासला पैदा हो गया।
हंसते हैं। तो फरीद ने कहा, अब तोड़ने की कोई जरूरत नहीं है। जीसस हम सबको ऐसा लगेगा, क्योंकि भीड़ पागलों की है। उसमें नारियल थे सूखे हुए, और तू नारियल है गीला। अभी तेरी गिरी | | अगर कोई आदमी होश से भर जाए, मस्त हो जाए, आनंदित हो
और खोल जुड़े हुए हैं। अभी तू यह फिक्र मत कर। अभी तो तेरी | | जाए, तो हम शीघ्र ही उसको दिक्कत में डाल देंगे। खोल पर जो होगा, वह गिरी तक जाएगा।
वह जो मित्र को डर लग रहा है, वह पड़ोसियों का डर है। वह ___ अभी शरीर और मन इकट्ठा है आपका। जिन मित्र ने पूछा है, | डर है कि कोई क्या कहेगा? तो मन ही मन में करो! उसके पूछने का अगर कारण यह होता कि उनका शरीर और मन अगर मन-मन में ही करना हो, तो और सब चीजें भी मन में अलग-अलग हो गया है, तो वे पूछते ही नहीं। क्या पूछना है! | करना, तब कीर्तन भी करना। अगर और सब चीजें शरीर से कर
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