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3 शास्त्र इशारे हैं -
रामकृष्ण ने कहा है कि एक आदमी सुबह उनसे मिलने आया है | लिए न्याययुक्त मानने को तैयार नहीं। चार शादी को न्याययुक्त और उन्होंने उससे पूछा कि मैंने सुना है कि तुम्हारे पड़ोसी का मकान | | मोहम्मद कहते हों, तो हमें बहुत अड़चन होती है। पर हम भूल जाते रात गिर गया आंधी में! उसने कहा कि मुझे पता नहीं, क्योंकि मैंने | हैं कि मोहम्मद किन लोगों से कह रहे हैं। जो बीस-पच्चीस स्त्रियां सुबह का अखबार नहीं देखा! पड़ोसी का मकान, रात आंधी में गिर रख सकते थे, उन लोगों से वे कह रहे हैं। गया! उसने कहा कि हो सकता है, क्योंकि मैंने अभी सुबह का अगर अनुपात निकालने जाएं, तो पच्चीस स्त्रियां जिस मुल्क में अखबार नहीं देखा! पड़ोसी के मकान का गिरना कम वास्तविक लोग रख सकते थे, उनसे चार की बात कहनी काफी न्यूनतम है, है, अखबार में छपी हुई सुर्जी ज्यादा वास्तविक है!
बहुत न्यून है। चार भी उन्हें बहुत कम मालूम पड़ेगा, बहुत मुश्किल नक्शे बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं। और उन चीजों के नक्शे तो मालूम पड़ेगी। और हमें समझना और भी कठिन हो जाएगा कि बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं, जो हमारी आंखों में दिखाई नहीं पड़ते।। | मोहम्मद ने खुद ने नौ विवाह किए! तो हमें और अड़चन हो परमात्मा का हमें कोई दर्शन नहीं होता। सत्य का हमें कोई पता नहीं जाएगी। हम सोच ही नहीं सकते, इस मुल्क में हम सोच नहीं सकते है। नक्शे ही नक्शे हैं हमारे पास। मोक्ष का हमें कोई पता नहीं है। | कि महावीर नौ विवाह कर सकते हैं! अस्तित्व की गहराई का हमें कोई पता नहीं है। बस नक्शे हैं। नक्शों | | लेकिन मोहम्मद ने नौ विवाह किए। और बड़े मजे की बात यह को सम्हाले हुए लोग बैठे हैं और विवाद करते रहते हैं कि किसका | | है कि उनमें से नौ में से सिर्फ एक स्त्री से ही उनके स्त्री जैसे संबंध नक्शा सही है। और नक्शों के इतने दबाव में दब जाते हैं कि यात्रा | थे। और आठ स्त्रियां आपकी पत्नियां हों और उनसे आपका पत्नी असंभव ही हो जाती है, मुश्किल ही हो जाती है।
जैसा संबंध न हो, यह कोई छोटी साधना नहीं है। सब स्त्रियां यह जो कृष्ण का कहना है कि पूरे विस्तार से अपनी समग्रता को | | छोड़कर भाग जाना ज्यादा आसान है। और मोहम्मद ने कोई भी स्त्री कहने का कोई भी उपाय नहीं है। मैं कुछ बातें प्रधानता से कहूंगा। तकलीफ में थी, तो उससे ही शादी कर ली। कुछ बातें चुन लूंगा। अनंत है मेरा ऐश्वर्य, उसमें से कुछ लक्षण | | मोहम्मद की पहली शादी भी बड़े हैरानी की है। मोहम्मद की उम्र चुन लूंगा।
छब्बीस वर्ष थी और पहली पत्नी की उम्र चालीस वर्ष थी। छब्बीस वे लक्षण भी कृष्ण ने वैसे ही चुने हैं जो हम आगे देखेंगे- वर्ष का युवक चालीस वर्ष की स्त्री से शादी कर रहा है। इस शादी जो अर्जुन की समझ में आ सकें। अर्जुन की जगह कोई दूसरा व्यक्ति | | में कोई भी स्त्रैण आकर्षण काम नहीं कर रहा है। लेकिन हमें होता, तो कृष्ण को दूसरे लक्षण चुनने पड़ते। अर्जुन की जगह अगर समझना कठिन पड़ता है। लेकिन जिन लोगों के बीच मोहम्मद हैं एक चित्रकार होता, तो कृष्ण को दूसरे लक्षण चुनने पड़ते। अर्जुन | और जिस भांति के लोगों से वे बात कर रहे हैं, और जिनके जीवन की जगह अगर एक कवि होता, तो कृष्ण को दूसरे लक्षण चुनने | | को बदलने की कोशिश कर रहे हैं, उनको जब तक हम सामने न पड़ते। अर्जुन की जगह अगर एक संगीतज्ञ होता, तो कृष्ण को दूसरे रख लें, तब तक अड़चन होगी। लक्षण चुनने पड़ते।
अर्जुन से कृष्ण जो कुछ भी कहेंगे आगे, उसमें आप ध्यान रखना इसलिए भी बड़ी कठिनाई धर्मशास्त्रों में पैदा हुई। क्योंकि कि वह एक क्षत्रिय से चर्चा हो रही है, एक योद्धा से चर्चा हो रही मोहम्मद जिनसे बात कर रहे हैं, उनको हम भूल गए। कुरान हमारे है। और क्षत्रिय किस भाषा को समझ सकता है. उसी भाषा में चर्चा पास है। कृष्ण जिससे बात कर रहे हैं, उसका हमें खयाल न हो, | होगी। उन्हीं गुणों को चुनकर कृष्ण अर्जुन से कहेंगे। तो बड़ी भूल हो जाती है। मोहम्मद को हम नहीं समझ पाते, कम | क्योंकि मेरे विस्तार का अंत नहीं है, इसलिए मैं चुनाव कर लूंगा से कम गैर-मुसलमान मोहम्मद को नहीं समझ पाते। उसकी सारी | और थोड़ी-सी बातें तुझसे कहूंगा। हे अर्जुन, मैं सब भूतों के हृदय कठिनाई एक ही है कि उन्हें पता नहीं कि मोहम्मद किससे बात कर | | में स्थित सबका आत्मा हूं। तथा संपूर्ण भूतों का आदि, मध्य और रहे हैं। और कई दफा हमें अड़चन होती है। अड़चन ऐसी होती है। अंत भी मैं ही हूं। कि समझ में नहीं पड़ता कि यह कैसी बात मोहम्मद ने की है! वे जो कहेंगे, उसकी भूमिका इन दो शब्दों में, इन दो पंक्तियों में
मोहम्मद ने कहा है कि कोई आदमी चार शादियां करे, तो आ गई। आगे वे विस्तार से कहेंगे। इन दोनों पंक्तियों को हम ठीक न्याययुक्त है। हमको बहुत बेहूदी लगती है। हम दो शादी तक के | से समझ लें, तो आगे की बात आसान होगी।
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