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व्यर्थता-विह्वलता-समर्पण / अज्ञात के साथ बहने का साहस / सहयोग और भरोसा / पाल खोलना / अज्ञात की, परमात्मा की हवाएं-किसी दूसरे लोक में ले जाने को आतुर / सुनें-समझें और चलें-सोच-विचार में न पड़ें / मन के पुराने ढांचे से बाहर निकलना जरूरी / प्रभु घटे तो जीवन सार्थक हो।