________________
* अतळ रहस्य में प्रवेश
लिए नहीं उठी है। और तलवार उनके हाथ में है ही नहीं। मगर यह कठिन है। यह तो एक गहन अनुभव हो, तो ही खयाल में आ सकता है। कुछ प्रयोग करें, तो समझ में आएगा। कुछ थोड़े-से प्रयोग करें. तो आसान हो जाएगा।
जैसे मैंने कहा, यहां भीड़ में बैठे हैं। एक क्षण को बदल लें ध्यान, भूल जाएं भीड़ को। भीड़ खो गई; आप अकेले हो गए। भीड़ फिर भी रहेगी, आप अकेले हो गए। भोजन कर रहे हैं। समझ लें, जान लें कि शरीर में भोजन जा रहा है. आप में नहीं। शरीर में भोजन जाता रहेगा; आप बाहर हो गए।
कोई आपको चांटा मार रहा हो, तब समझें कि पदार्थ से पदार्थ टकराया; हाथ चेहरे से लगा; मैं दूर ही खड़ा रह गया हूं; मुझे छुआ नहीं जा सका। तब चांटे की आवाज भी होगी, गाल पर निशान भी
आ जाएगा, वह आदमी तृप्त होकर भी लौट जाएगा और आप भीतर अछूते बाहर खड़े रह जाएंगे। थोड़े प्रयोग करें, तो यह पहेली खयाल में आ सकती है।
आज इतना ही।
लेकिन अभी उठे नहीं। पांच मिनट बैठे रहें। यहां कीर्तन होगा। पांच मिनट सम्मिलित हों। और बैठे ही न रहें, सम्मिलित हों। दोहराएं साथ में आनंद से और फिर वापस जाएं।
195