________________
धर्म का सार ः शरणागति -
छोटा-सा द्वीप है, जिस पर कुछ नहीं, घास ही उगती है। इसको रही है! एक क्षण को कहीं बुद्धि ने सवाल उठा दिया होगा। और नहीं जीतने की कोई जरूरत है।
एक क्षण को जीसस ने आकाश की तरफ देखकर कहा कि यह तू सारी दुनिया जीतनी चाही थी उसने! लेकिन कभी-कभी जिंदगी क्या करवा रहा है? छोटी-सी शिकायत थी, बहुत बड़ी नहीं, कि बड़े मजाक करती है। सारी दुनिया तो हार गया, आखिर में सेंट यह तू क्या करवा रहा है? हेलेना का द्वीप ही बचा। और उस पर ही कैदी होकर नेपोलियन | ___ लेकिन तत्काल फिर खयाल आया कि यह तो शिकायत हो गई,
आखिरी वक्त में था। शायद उसे खयाल भी न आया होगा कि कभी | | यह तो सलाह हो गई परमात्मा को। यह तो मैं सलाह देने लगा कि मैंने भूगोल की किताब पर निशान लगाया था कि सेंट हेलेना तू क्या करवा रहा है! इसका अर्थ तो यह हुआ कि मेरी इच्छा कुछ बिलकुल बेकार है। आखिर में वहीं शरण मिली। जो बिलकुल | | और थी, जो होना चाहिए, और तू कुछ और करवा रहा है। यह तो बेकार मालूम पड़ा था, वही शरण बना। सारी जमीन छिन गई हाथ मेरी इच्छा खड़ी हो गई! से, वह सेंट हेलेना का द्वीप ही छोटा-सा, कुल जमा शरण थी। । उनकी आंख से दो आंसू के बूंद टपक पड़े। और उन दो बूंदों ने
जिंदगी में ऐसा रोज होता है। जिस परमात्मा को हम सदा छोड़े उन्हें वहां पहुंचा दिया, जिसको कृष्ण शरण कह रहे हैं। दो बूंद रहते हैं कि पाने योग्य नहीं है, और जिस परमात्मा को हम सदा | उनकी आंखों में आ गए। और उन्होंने जोर से कहा कि नहीं, नहीं, बाहर रखते हैं जिंदगी के, वही परमात्मा अंत में पता चलता है कि मुझे क्षमा कर; दाय विल बी डन—तेरी ही इच्छा पूरी हो। मैं कौन शरण होने योग्य था-वही परमात्मा।
हूं! मुझे माफ कर दे। मुझसे भूल हो गई। मुझसे गलती हो गई। यह (पानी की बूंदें पड़ने लगी हैं, कुछ लोगों ने छाता खोल लिए मैंने क्या कहा तुझसे कि यह तू क्या करवा रहा है! हैं। और भगवान श्री अपना कहना जारी रखते हैं।) ___ इतनी-सी शिकायत जीसस के लिए बाधा थी। तो मैं निरंतर ' एक काम कछ भी करें, या तो छाता खोले ही रखें, नहीं तो कहता है कि इस आखिरी क्षण तक भी जीसस क्राइस्ट नहीं थे। इस बादल आपसे मजाक जारी रखेंगे; आप खोले ही रखें। और या | | आखिरी क्षण तक वे जीसस ही थे। लेकिन यह आखिरी वक्तव्य, फिर बंद ही कर लें। या तो बादलों से कह दें कि अब तुम बेफिक्र | | एक सेकेंड में सब दुनिया बदल गई। वह आंख से दो आंसू का गिर रहो. हम अब खोलने वाले नहीं। और या फिर उनसे कह दें कि जाना और जीसस का कहना. दाय विल बी डन. तेरी मर्जी परी हो। अब तुम बेफिक्र रहो, हम अब खोले ही रखेंगे। दो में से कुछ एक | और फिर प्रसन्न हो जाना और उस सूली पर ऐसे झूल जाना, जैसे कर लें; दोनों न करते रहें, अन्यथा बेकार समय जाया होगा। । वह झूला,हो। वह जीसस, क्राइस्ट हो गए उसी क्षण। उसी क्षण वे
और जब भीग ही रहे हैं, तो पूरे ही भीग जाएं; इतनी कंजूसी भी मनुष्य न रहे, परमात्मा हो गए। क्या! कितना बचाएंगे! कितना बचाएंगे छाता-वाता लगाकर; कुछ जिस क्षण कोई व्यक्ति अपने को परमात्मा की शरण में छोड़ देता बचेगा? सिर्फ वहम है आदमी का कि हम बचा लेंगे! क्या, बचा है, उसी क्षण परमात्मा के साथ एक हो जाता है। क्या पाएंगे? भीग जाएंगे पूरी तरह, भीग ही जाएंगे न! हो क्या अब यह जिंदगी का पैराडाक्स है कि जब तक हम अपने को जाएगा? तो भीग जाएं। छाते बंद करके नीचे रख दें। इसमें न बचाते हैं, अपने को खोते हैं; और जिस दिन अपने को खो देते हैं, भीगने का मजा ले पाएंगे, न सूखने का मजा ले पाएंगे। दोनों तरफ उस दिन हम अपने को बचा लेते हैं। और जब तक हम अपने को से जाएंगे, न दीन के न दुनिया के, न घर के न घाट के हो जाएंगे। बचाएंगे, कुछ हमारे हाथ में आएगा नहीं; खाली होगी मुट्ठी। और
शरण बड़ा अदभुत शब्द है। शरण का अर्थ है कि मैं कहता हूं | जिस दिन हम खोल देंगे, उस दिन यह सारी संपदा, यह सारा अब मैं नहीं हूं, तू ही है। और अब तू जो करेगा, जो करवाएगा, | जगत, यह सब कुछ, यह सब कुछ हमारा है। लेकिन जब तक मैं उससे मैं राजी हूं, स्वीकार करता हूं। मेरी एक्सेप्टेबिलिटी है। | है भीतर, तब तक यह सब हमारा नहीं हो सकता है। यह मैं ही
जीसस मर रहे हैं, आखिरी क्षण में सूली पर लटके हैं। एक क्षण हमारा दुश्मन है, लेकिन मैं हमें मित्र मालूम पड़ता है। को उनके मन में, ऐसे ही आ गया होगा भाव, जैसे आपके मन में एक बहुत अदभुत आदमी हुआ है, इकहार्ट। उसने मजाक में छाता खोलने का आता है, आ गया एकदम एक क्षण को भाव. कि
बह प्रार्थना की है। लेकिन उसकी प्रार्थना मैं परमात्मा के लिए जिंदगीभर जीया और आखिर मुझे सूली लग कीमती है और मन में रख लेने जैसी है। इकहार्ट ने एक दिन सुबह
एक दिन
449