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________________ < जीवन अवसर है - ऐसा करो कि तुम्हारे गांव में एक मेरा भक्त रहता है। एक बहुत ठीक है, परमात्मा को और जोड़ लें इसी में थोड़ा-सा; उसका सुख गरीब आदमी का नाम महावीर ने लिया कि वह तुम्हारे गांव में रहता | | भी ले लें। यह तो मिल ही रहा है, उसे भी ले लें। वह आदमी सिर्फ है; बहुत गरीब आदमी है। वह ध्यान को उपलब्ध हो गया है; वह प्रलोभन से जा रहा है; तत्व को जानकर नहीं जा रहा है। थोड़ा-सा ध्यान तम्हें बेच देमा। तम चले जाओ: कीमत पछ लो। दनिया में अधिक लोग प्रभ के मंदिर की तरफ प्रलोभन से जाते ___ वह गया कि कोई हर्जा नहीं है। ध्यान क्या, मैं उस पूरे आदमी | | हैं या भय के कारण जाते हैं, जो कि प्रलोभन के सिक्के का दूसरा को ही खरीदकर महल लिए जाता हूं। उसकी क्या बात है, उठवा | पहलू है। भय के कारण, या लोभ के कारण। लेंगे घर पूरे आदमी को ही। उसने उस पूरे आदमी को घर उठवा मौत पास आती है, तो बूढ़ा आदमी घबड़ाने लगता है। वह लिया! आदमी तो आ गया। उसने कहा कि बोल भाई, क्या लेगा सोचता है, अब मरे! अब क्या होगा? अब होगा क्या? अब तो तू तेरे ध्यान का? जो तुझे लेना हो, ले जा। यह मौत चली आ रही है। अब कोई बचा नहीं सकेगा। अब कितने उस आदमी ने कहा कि आप बिलकुल नासमझ हैं। आप कुछ | | ही लोग मुझे वोट दे दें, तो भी मामला हल होगा नहीं। वह वोट समझे नहीं। ध्यान कहीं खरीदा जा सकता है! और मैं बेचना भी | पड़ी रह जाएगी, मैं मर जाऊंगा। अब कितनी ही तिजोड़ी मेरी बड़ी चाहूं, तो कैसे बेचूं! यह तो मेरी भीतरी दशा है। हो, अब वह किसी काम की नहीं है; अब मेरी मुट्ठी उसको बांध उसने कहा, यह बातचीत छोड़ो। ऐसी कौन-सी चीज है, जो मैं | नहीं पाएगी। अब मैं मरा। अब कोई बचा नहीं सकेगा। अब बेटे, नहीं खरीद सकता? मैंने तुझे ही उठवा लिया, तो तेरे ध्यान का क्या | | जिनके लिए मैंने जिंदगी गंवाई, अब मुझे बचा न सकेंगे। मित्र, वश है, जो नहीं आएगा। तेरा ध्यान क्या घर पड़ा रह गया? तू जिनके लिए मैंने सब लगाया, अब मुझे बचा न सकेंगे। समाज, जाकर वापस उठाकर ला। तू जो कहे, मैं देने को तैयार हूं। तू फिक्र जिससे मैं डरता था, अब मुझे बचा न सकेगा। अब इस भय की मत कर। लाख, दो लाख, दस लाख, करोड़-कितना तुझे थर्राहट की हालत में आदमी सोचता है, चलो, भगवान का सहारा चाहिए? तू बोल, और ले ले; और ध्यान दे जा। | ले लें। अब वही बचा सकेगा। उस आदमी ने कहा कि तुम मेरी जान ले लो; ध्यान बेचना भयभीत आदमी भगवान की तरफ चला जाता है। इसलिए मुश्किल है। क्योंकि तुम समझ ही नहीं पा रहे कि ध्यान क्या है। मंदिरों-मस्जिदों में, गिरजों में बूढ़े, वृद्ध इकट्ठे हो जाते हैं-भय उसने कहा, कुछ भी हो, इससे मुझे मतलब नहीं। लोग कहते हैं के कारण। भय के कारण। ये वे ही लोग हैं, जो जवान थे, तब नहीं कि ध्यान मिलने से बड़ा आनंद मिलता है; हमें आनंद से मतलब | आए। और ये वे ही लोग हैं, जो अपने घर के जवानों को भी अभी है। जाने दे ध्यान; ध्यान से तुझे जो आनंद मिला है, वह कोई और | | कह रहे होंगे कि अभी क्या जरूरत है तुम्हें जाने की। अभी तो तरकीब से मिल सकता हो, तो मुझे बता दे। जवानी है। हम में से अधिक लोग धर्म की तरफ लोभ के कारण उत्सुक होते आज एक वृद्ध महिला मेरे पास आई थी। उसकी लड़की ने हैं। एक। सुनते हैं खबर समाधि की, कि खिलते हैं फूल परम; सुनते | | संन्यास ले लिया, तो वृद्ध महिला बहुत परेशान है। वह कह रही हैं खबर ध्यान की, कि भीतर हो जाता है मौन आत्यंतिक; सुनते हैं, | है कि अभी तो इसकी उम्र अभी तो यह जवान है! मैंने उससे कि मृत्यु भी थक जाती है उसके सामने, जो स्वयं को जान लेता है, | | कहा कि यह जवान है, लेकिन तू तो बूढ़ी हो गई! तेरा इरादा कब हार जाती है। मन में लोभ पकड़ता है, हम भी क्यों न पा लें? संन्यास का है? इसका संन्यास रुकवाने आई थी वह कि इसका पर ध्यान रखना, लोभी नहीं पा सकेगा। इसलिए कृष्ण कहते हैं, संन्यास रोको; इसको संन्यास नहीं लेना है। यह तो अभी जवान तत्व को समझकर। है। मैंने कहा, तेरा क्या इरादा है ? तुझे तो संन्यास ले लेना चाहिए। परमात्मा में आनंद मिलता है, ऐसा जानकर जो चलेगा, वह तू तो बूढ़ी हो गई! उसने कहा, वह तो मैं सोचूंगी। लेकिन इसका लोभ से जा रहा है। संसार में दुख है, ऐसा समझकर जो जा रहा तो छुड़वा दो। है, वह तत्व को जानकर जा रहा है। इस फर्क को आप समझ लेना। तो बढे लोग जवानों को कहते हैं कि तम तो अभी जवान हो. संसार व्यर्थ है, ऐसा जानकर जो जा रहा है, वह तत्व को तुम्हें धर्म से क्या लेना-देना! क्योंकि धर्म को उन्होंने सिर्फ भय की जानकर जा रहा है। और जो मान रहा है कि संसार तो बिलकुल भाषा में समझा है। सिर्फ भय। जब भय पकड़ ले और पैर कंप 4051
SR No.002406
Book TitleGita Darshan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages488
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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