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________________ - अदृश्य की खोज > सुगंध का पता चले। क्योंकि जो दुर्गंध के आदी हैं, उन्हें सुगंध का | | बात के लिए राजी होने में बहुत देर नहीं है कि ध्यान की गहराइयों पता चलना मुश्किल होता है। और जो अपवित्र सुगंध के आदी हैं, | | में शरीर से एक तरह की सुगंध निकलती है। क्योंकि तब ऊर्जा उनके पास से पवित्र सुगंध गुजर जाएगी, स्पर्श भी न होगा। क्योंकि | | ऊपर की तरफ जाती है और शरीर की दूसरी ग्रंथियां काम करती हैं, खुले द्वार भी चाहिए। लेकिन जिनके द्वार खुले हैं, और जिनका जो बिलकुल ही कामवासना से दूसरे छोर पर हैं। हृदय संवेदनशील है, वे महावीर की सुगंध को पकड़ पाएंगे। । तो महावीर जैसे व्यक्ति का जब पूरा जीवन का फूल खिलता है तो महावीर जैसे शरीर से जब सुगंध उठती है, उस सुगंध का | | ध्यान का, तो आस-पास एक सुगंध फैलनी शुरू हो जाती है। नाम है, पृथ्वी में पवित्र सुगंध। मैं पृथ्वी में पवित्र सुगंध हूं अर्जुन। | यद्यपि उन्हीं को पता चलेगा, जो सौभाग्यशाली हैं। कभी आपने खयाल किया कि पृथ्वी में दुर्गंध-सुगंध सबकी अगर आपको महावीर के शरीर से सुगंध का पता चले, तो अनंत संभावना है। एक ही बगीचा है आपके घर में छोटा-सा। एक किसी और को मत बताना, नहीं तो वह कहेगा कि हमें नहीं पता छोटा-सा किचन गार्डन है। उसमें आप नीम का झाड़ लगा देते हैं। चलता। गलत कहते हो। किसी भ्रम में पड़ गए हो। कोई इलूजन और हवाओं में चारों तरफ कड़वाहट फैलनी शुरू हो जाती है। वह में आ गए हो। धोखा खा गए हो। . नीम उस जमीन से ही रस लेती है। उसी के बगल में आप गुलाब लेकिन एकाध आदमी को ही पता चलता हो, ऐसा नहीं है। का एक पौधा लगा देते हैं। वह गुलाब का पौधा भी उसी जमीन से महावीर के पास लाखों लोगों को पता चलता है। महावीर के निकट रस लेता है। लेकिन गुलाब के फूल में सुगंध कोई और, और नीम जो लोग रहते थे, वे कहते थे कि हम अगर दूर भी हों, अंधेरे में भी के पत्तों में और नीम की बौरियों में सगंध कछ और। बात क्या है? बैठे हों. और महावीर एक विशेष सीमा के भीतर आ जाएं, तो हम जमीन एक, सूरज एक, हवाएं एक, मालिक बगीचे का एक, कह सकते हैं कि वे सीमा के भीतर आ गए। उनकी सुगंध उनके माली एक, पानी एक, पृथ्वी एक। गुलाब का बीज कुछ और चुनाव | पहले ही चली आती है। सैकड़ों बार लोगों ने प्रयोग करके देखे। करता है। नीम का बीज कुछ और चुनाव करता है। नीम का बीज । जब कृष्ण कहते हैं, पृथ्वी में मैं पवित्र सुगंध, तो सिर्फ सुगंध नहीं उसी पृथ्वी में से कड़वाहट को इकट्ठा कर लेता है। गुलाब का बीज | | कहते, नहीं तो गुलाब के फूल की सुगंध काम कर जाती। पवित्र उसी पृथ्वी में से कुछ और इकट्ठा करता है। सुगंध फूल में पैदा नहीं होती। पवित्र सुगंध तो मनुष्य नाम के फूल शरीर हमारा भी वही, महावीर का भी वही, कृष्ण का भी वही, में पैदा होती है कभी-कभी। वही हूँ मैं अर्जुन। बहुत रेयर फिनामिनन क्राइस्ट का भी वही। लेकिन जरूरी नहीं है कि हम सबके शरीर से | है। मुश्किल से कभी घटता है। लेकिन घटता है। और एक शरीर में जो गंध निकले, वह एक हो। घट सकता है, तो सब शरीर में घटने की खबर लाता है। इस संबंध में और भी कुछ बातें आपसे कहूं। जिन लोगों ने | तो कहते हैं, पृथ्वी में मैं पवित्र सुगंध। चंद्र-ताराओं में, सूरज कामवासना के संबंध में गहरी खोजबीन की है, वे कहते हैं कि जब में, ग्रहों में—आभा, प्रकाश। संभोग के क्षण में स्त्री-पुरुष अति आकुल हो जाते हैं, तो दोनों के इसे भी थोड़ा खयाल में ले लें। क्योंकि आप कहेंगे, प्रकाश तो शरीर से विशेष दुर्गंध निकलनी शुरू हो जाती है। आपके अनुभव बड़ी दृश्य बात है। में भी आती है। तीव्र कामवासना के क्षण में शरीर से दुर्गध निकलनी | नहीं। प्रकाश बहुत अदृश्य घटना है। आप कहेंगे, सरासर कैसी शुरू हो जाती है। बात मैं कह रहा हूं! आपने देखा है प्रकाश। अभी देख रहे हैं। सुबह क्या हुआ? शरीर वही है। लेकिन कामवासना में आप और नीचे सूरज निकलता है, आप प्रकाश देखते हैं। आपसे प्रार्थना करता हूं, उतरे, नीम की तरफ गए। आपके शरीर का चुनाव बदल गया। पुनर्विचार करना। आपने प्रकाश अभी तक नहीं देखा है; केवल उसकी अलग ग्रंथियां काम करने लगी, और आपके शरीर से दुर्गंध प्रकाशित चीजें देखी हैं। प्रकाश आपने कभी नहीं देखा। प्रकाश को फैलने लगी। देखना असंभव है। प्रकाश अदृश्य चीज है। अगर कामवासना में शरीर से दुर्गंध निकल सकती है—इसके | । जब आप कहते हैं, प्रकाश है, तो उसका कुल मतलब इतना लिए फिजियोलाजिस्ट राजी हैं। इसके लिए शरीरशास्त्री सहमत हो| होता है कि नहीं होता। गए हैं कि कामवासना में शरीर से दुर्गंध निकलती है तो दूसरी और जब चीजें नहीं दिखाई पड़तीं, आप कहते हैं, अंधेरा है। 357
SR No.002406
Book TitleGita Darshan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages488
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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