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गीता दर्शन भाग-3
अमेरिका में खबर हो गई है कि उस पहाड़ पर कुछ नहीं है। पर आश्वासन दे रहे हैं अर्जुन को कि तू इन बातों में मत पड़। तू उसने कहा कि शायद कोई आदमी मिल जाए, जो मुझसे ज्यादा इस भांति मत सोच कि कहीं पूरा न हो सका, तो क्या होगा! जितना हिम्मतवर हो। कोई इतना पागल नहीं है, लोगों ने कहा। लेकिन भी होगा, उसकी भी अपनी अर्थवत्ता है। जितना भी तू कर लेगा, उसने कहा, एक कोशिश कर लूं। क्योंकि मैं सोचता हूं, कोई मुझसे उतना भी काफी है। हिम्मतवर मिल सकता है।
एक मित्र मेरे पास आए। वे कहते हैं कि उनका नब्बे प्रतिशत और एक आदमी मिल गया, जिसने तीन करोड़ रुपए दिए और मन संन्यास लेने का है, दस प्रतिशत मन संन्यास लेने का नहीं है। पूरा पहाड़ और पूरी मशीनरी खरीदी। जब उसने खरीदी, तो उसके | तो मैंने कहा, फिर क्या खयाल है? उन्होंने कहा कि तो अभी नहीं घर के लोगों ने कहा कि तुम बिलकुल पागल हो गए हो। दूसरा | | लेता हूं। तो मैंने कहा कि थोड़ा सोच रहे हैं, कि न लेना भी एक आदमी बर्बाद हो गया; अब तुम बर्बाद होने जा रहे हो! उस आदमी | निर्णय है। और दस प्रतिशत के पक्ष में निर्णय ले रहे हैं, और नब्बे ने कहा, जहां तक पहाड़ खोदा गया है, वहां तक सोना नहीं है, यह प्रतिशत के पक्ष में निर्णय नहीं ले रहे हैं। साफ है। इसलिए मामला काफी हो चुका है। अब सोना नीचे हो | वे कहते हैं कि नब्बे प्रतिशत संन्यास लेने का मन है, दस सकता है। जहां तक खोदा गया है, वहां तक नहीं है। हम भी इस प्रतिशत संदेह मन को पकड़ता है, तो अभी नहीं लेता हूं। पर उनको झंझट से बचे। वह आदमी मेहनत कर चुका, जो बेकार मेहनत थी। पता नहीं है कि यह भी निर्णय है। न लेना भी निश्चित निर्णय है। अब आगे मेहनत करनी है। बहुत-सा तो कट चुका है पहाड़। कौन यह निर्णय दस प्रतिशत मन के पक्ष में लिया जा रहा है। और नब्बे जाने नीचे सोना हो! लोगों ने कहा कि इस झंझट में मत पड़ो। और प्रतिशत मन के पक्ष में जो निर्णय है, वह नहीं लिया जा रहा है। यह जमीनें बहुत हैं, जिन पर ऊपर ही सोना है। पर उस आदमी ने वह | | नब्बे प्रतिशत मन, मालूम होता है, उनका नहीं है; दस प्रतिशत मन पहाड़ खरीद ही लिया।
उनका है। और आश्चर्य की बात कि पहले दिन की खुदाई में ही कोलेरेडो मेरा मतलब समझे! यह नब्बे प्रतिशत मन, मालूम पड़ता है, की सबसे बड़ी सोने की खदान मिली-सिर्फ एक फुट मिट्टी की | उनका नहीं है, कम से कम इस जन्म का नहीं है। अन्यथा यह कैसे पर्त और। एक फुट मिट्टी की पर्त और! और कोलेरेडो का सबसे हो सकता था कि आदमी नब्बे प्रतिशत को छोड़े और दस प्रतिशत बड़ा सोने का भंडार उस पहाड़ पर मिला। और वह आदमी को पकड़े! दस प्रतिशत उनका है, इस जन्म का है। नब्बे प्रतिशत कोलेरेडो का सबसे बड़ा खरबपति हो गया।
उनके पिछले जन्मों की यात्रा का है। उससे उन्हें कोई कांशस संबंध एक फुट! कभी-कभी एक इंच से भी चूक जाते हैं। कभी-कभी नहीं मालूम पड़ता कि वह मेरा है। वह ऐसा लगता है कि कोई मेरे आधा इंच से भी चूक जाते हैं।
भीतर नब्बे प्रतिशत कह रहा है कि ले लो। लेकिन मैं रुक रहा हूं। तो कृष्ण कहते हैं, भय न करना अर्जुन! कितना ही चूक जाओ, मैं दस प्रतिशत के पक्ष में हूं। वे ज्यादा देर न रुक पाएंगे, क्योंकि जो तूने किया है, वह निष्फल नहीं जाएगा। जितना तूने किया है, | वह नब्बे प्रतिशत धक्के मारता ही रहेगा। और दस प्रतिशत कितनी वह निष्फल नहीं जाएगा। जितना तूने किया है, वह अगले जन्म में | देर जीत सकता है? कैसे जीतेगा? पुनः वहीं से यात्रा शुरू होगी। समय का व्यवधान जरूर पड़ लेकिन समय का व्यवधान पड़ जाएगा। जन्म भी खो सकते हैं। जाएगा। शायद तू समझ भी न पाए, जब अनायास घटना घटे। और वह नब्बे प्रतिशत प्रतीक्षा करेगा; और हर जन्म में धक्का देगा। शायद तुझे प्रतीति भी न हो सके कि यह क्या हो रहा है। लेकिन जो हर दिन, हर रात, हर क्षण वह धक्के मारेगा। क्योंकि वह नब्बे तेरे साथ है, जो तेरा किया हुआ है, वह तेरे साथ होगा। प्रतिशत आपका बड़ा हिस्सा है, जिसे आप नहीं पहचान पा रहे हैं
योग की दिशा में किया गया कोई भी प्रयत्न कभी खोता नहीं। कि आपका है। और यह दस प्रतिशत, जिसको आप कह रहे हैं प्रभ की दिशा में उठाया गया कोई भी कदम व्यर्थ नहीं जाता है। मेरा. यह सिर्फ इस जन्म का संग्रह है। उतनी यात्रा हो जाती है। हम दूसरे हो जाते हैं। प्रभु की दिशा में ध्यान रहे, पिछले जन्मों और इस जन्म के बीच में जो संघर्ष है, सोचा गया विचार भी व्यर्थ नहीं जाता है, हम उतने तो आगे बढ़ ही उसी के कारण मनुष्य के कांशस और अनकांशस में फासला पड़ता जाते हैं।
है। फ्रायड को अंदाज नहीं है, मुंग को अंदाज नहीं है। क्योंकि मुंग
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