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मन का रूपांतरण
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आप सोचते हैं, वह बच्चा कभी भी मनुष्य की कोई भी भाषा बोल | | हैरान होंगे! आप कहेंगे, क्रोध! क्रोध तो हर मनुष्य करता है। पाएगा! कोई भाषा नहीं बोल पाएगा। ऐसा नहीं कि वह आपके घर आपको सब मनुष्यों का पता नहीं है। में पैदा हुआ था, तो गुजराती बोलेगा जंगल में! कि हिंदुस्तान की | | ऐसे कबीले हैं आज भी आदिवासियों के, जो क्रोध करना नहीं जमीन पर पैदा हुआ था, तो हिंदी बोलेगा। कि अंग्रेज के घर में पैदा | जानते। क्योंकि क्रोध भी अभ्यास से आता है; अचानक नहीं आ हुआ था, तो अंग्रेजी बोलेगा। नहीं, वह कोई भाषा नहीं बोलेगा। जाता। बाप कर रहा है, मां कर रही है, घर भर क्रोध कर रहा है, शायद आप सोचते होंगे, वह कोई नई भाषा बोलेगा। वह नई भाषा और तख्ती भी लगी है कि क्रोध करना पाप है घर में। और सब चल भी नहीं बोलेगा। वह भाषा ही नहीं बोलेगा।
रहा है। वह बच्चा सीख रहा है, वह कंडीशन हो रहा है। वह जवान उन्नीस सौ बीस में बंगाल में दो बच्चियां पकड़ी गईं, जिनको होकर बच्चा कहेगा कि ऐसा हो ही कैसे सकता है कि आदमी क्रोध भेड़िए उठाकर ले गए थे और उन्होंने उनको बड़ा कर लिया। भेड़िए न करे! तो यह सिखावन है। बच्चा तो एक तरल चीज थी। आपने शौकीन हैं। और कई दफे दुनिया में कई जगह उन्होंने यह काम | | उसे एक दिशा में ढाल दिया। कठिनाई हो गई। वह अड़चन हो गई। किया है। बच्चों को उठा ले जाते हैं, फिर उनको पाल लेते हैं। एक ऐसे कबीले हैं, जिनमें संपत्ति का कोई मोह नहीं है; कोई मोह बच्ची ग्यारह साल की थी और एक तेरह साल की थी, जब वे नहीं है। संपत्ति का मोह ही नहीं है। अभी एक छोटे-से कबीले की पकड़ी गईं। और पहली दफा हैरानी हुई, वे कोई भाषा नहीं बोलती | खोज हुई, तो बड़े चकित हो गए लोग, उस कबीले में संपत्ति की थीं। भाषा की तो बात दूसरी है, वे दो पैर से खड़ी भी नहीं हो सकती | | मालकियत का खयाल ही नहीं है। किसी आदमी को यह खयाल थीं। वे चारों हाथ-पैर से ही चलती थीं।
नहीं है कि यह मेरी जमीन है। किसी को खयाल नहीं है कि यह मेरा अभी कुछ दिन पहले, पांच-सात वर्ष पहले यू.पी. में एक बच्चा | मकान है। पकड़ा गया जंगल में, वह भी भेड़ियों ने पाल लिया था। वह कोई लेकिन कबीले का पूरा ढंग और है कंडीशनिंग का। कोई अपना चौदह साल का था, वह भी कोई भाषा नहीं बोल सकता था। उसका मकान नहीं बनाता, सारा गांव मिलकर उसका मकान बनाता है। नाम रख लिया था राम, पकड़ने के बाद। छ: महीने कोशिश करके जब भी गांव में एक नए मकान की जरूरत पड़ती है, पूरा गांव बामुश्किल उससे राम निकलवाया जा सका कि वह राम कह सके। | मिलकर एक मकान बनाता है। गांव में कोई नया आदमी रहने आ लेकिन छः महीने में वह मर गया। और चिकित्सक कहते हैं कि वह जाता है, तो पूरा गांव एक मकान बना देता है। वह आदमी उसमें राम कहलवाने की कोशिश ही उसकी जान लेने वाली सिद्ध हुई। रहने लगता है। पूरा गांव घर-घर से चीजें देकर उसके घर को जमा
चौदह साल का बच्चा एक शब्द नहीं बोलता था। क्या हुआ? देता है पूरा। वह घर का उपयोग करने लगता है। चारों हाथ-पैर से चलता था। छः महीने मसाज कर-करके उसको उस कबीले में खयाल ही नहीं है प्राइवेट ओनरशिप का, कि बामुश्किल खड़ा कर पाए। नहीं तो रीढ़ उसकी सीधी नहीं होती थी, व्यक्तिगत संपत्ति भी कोई चीज होती है। आप उस कबीले में फिक्स्ड हो गई थी। चार हाथ-पैर से वह भेड़ियों की तेजी से दौड़ता कम्युनिज्म न फैला सकेंगे। क्योंकि कम्युनिज्म पोलेरिटी है। था। लेकिन खड़ा करके वह ऐसा चलता था कि रत्ती-रत्ती मुश्किल | व्यक्तिगत संपत्ति हो, तो कम्युनिज्म का खयाल पैदा हो सकता है; हो गया। क्या हो गया?
नहीं तो पैदा नहीं हो सकता। उस कबीले में आप किसी को आदमी वही हो जाता है, जिस आयाम में उसका अभ्यास करवा | नक्सलाइट नहीं बना सकते हैं। कोई उपाय नहीं है। उस कबीले में दिया जाता है; वही हो जाता है। वह भेड़िए के साथ रहा, भेड़िए | | किसी को खयाल ही नहीं है कि वस्तु और व्यक्ति में कोई संबंध का अभ्यास हो गया। अभ्यास कर लिया, वही हो गया। | मालकियत का होता है।
आदमी एक अनंत संभावना है, इनफिनिट पासिबिलिटी। हम जो और हम मरे जाते हैं अपरिग्रह का सिद्धांत दोहरा-दोहराकर। हो गए हैं, वह हमारी एक पासिबिलिटी है सिर्फ। वह हमारी एक वह कुछ हल होता नहीं। अपरिग्रही से अपरिग्रही भी...अब संभावना है, जो हम हो गए हैं। अगर हम दुनिया की मनुष्य जातियों दिगंबर जैन मुनि नग्न रहते हैं। को भी देखें, तो हमको पता चलेगा कि अनंत संभावनाएं हैं। दो दिगंबर जैन मुनि शिखरजी के पास के वन में झगड़ पड़े। अब ऐसे कबीले हैं आज भी, जो क्रोध करना नहीं जानते हैं। आप झगड़ा लोग कहते हैं कि या तो स्त्री के कारण होता है या धन के
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