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< अहंकार खोने के दो ढंग -
अभी जाएंगे नहीं। और आज तो रविवार है, इसलिए दस मिनट हम कीर्तन करेंगे। और रविवार है इसलिए मैं आपसे चाहूंगा कि आपमें से भी जो लोग कीर्तन करना चाहें, वे ग्राउंड के चारों तरफ बैठे हुए लोगों के चारों तरफ फैल जाएं। जो लोग बैठकर कीर्तन करते हैं, जिनको आनंद है, वे चारों तरफ खड़े हो जाएं। बैठे हुए लोग बीच में रह जाएंगे। आपमें से जिन लोगों को कीर्तन में भाग लेना है, वे चारों तरफ फैल जाएं। शर्माएं न! फैल जाएं।