________________ "हजारों सालों के बाद ओशो के रूप में एक ऐसा मनीषी, तत्ववेत्ता, दार्शनिक एवं चैतन्य पुरुष इस भारत की जमीन पर अवतरित हुआ जिसने समग्र भारतीय सांस्कृतिक प्रज्ञा को सिद्ध किया...यह सचमुच में एक चमत्कार था कि अकेला एक आदमी इतने बड़े संस्कृति-सागर को अपने भीतर संजो ले। उन्होंने पुराने बीज मंत्रों, सूत्रों और विचार-बोधों को जटिलताओं से मुक्त ही नहीं किया, बल्कि उन्हें सहज-सरल अर्थ दिए तथा साथ ही इतना कुछ अलौकिक और नया कह गए जो स्वयं सत्र बन गए।" देवीशंकर प्रभाकर प्रसिद्ध लेखक, पत्रकार, कवि एवं फिल्म-निर्माता-निर्देशक A RECEBOOK ISBN 81-7261-087-4