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काम से राम तक
धन पाना है, तो कुछ करना पड़ेगा। बिना किए बाहर कुछ भी | | भीतर मौजूद है। सदा मौजूद है। है ही। सिर्फ विस्मृत, सिर्फ मिलने वाला नहीं है। कुछ भी पाना है, तो करना पड़ेगा। लेकिन | | फारगेटफुलनेस, भूल गए हैं। बस, इससे ज्यादा नहीं है। खोया नहीं, भीतर अगर कुछ पाना है, तो? तो न करना सीखना पड़ेगा। उलटी | सिर्फ भूल गए हैं। भीतर जाएं, याद आ जाए, स्मरण आ जाए। यात्रा है।
लेकिन हम बाहर उलझे हैं, उलझे ही चले जाते हैं। और एक जैसे रात आपको नींद नहीं आती है और बड़ी मुश्किल में पड़े | | उलझाव दस नए उलझाव बना जाता है। और हम सोचते रहते हैं कि हैं। पूछते हैं, क्या करें? नींद कैसे आए? क्या करें? गलत सवाल | आज नहीं कल जब सब उलझाव सुलझ जाएंगे, तो हम भीतर चले पूछते हैं। किसी से पूछना ही मत। और अगर कोई जवाब दे, तो जाएंगे। इस भ्रांत तर्क में जो पड़ा, वह सदा के लिए खो जाता है। कान पर हाथ रख लेना; सुनना मत। जब आप पूछते हैं, नींद नहीं | बाहर के उलझाव कभी कम न होंगे, कभी कम न होंगे। एक आती, क्या करें, तो आप गलत सवाल पूछते हैं। क्योंकि आपने | उलझाव दस निर्मित करता है। दस, सौ निर्मित कर जाते हैं। सौ, कुछ किया कि नींद फिर बिलकुल नहीं आएगी। करने से नींद की हजार निर्मित कर जाते हैं। दुश्मनी है। करने से कहीं नींद आई है! करने से तो लगी हुई नींद आप यह मत सोचना कि हम एक दिन उलझाव हल कर लेंगे। हो, तो भी टूट जाएगी। करना मत।
| उलझाव हल करने में जो आप कर रहे हैं. वह हर करना नए कोई अगर कह दे कि भेड़ों को गिनो; एक से लेकर सौ तक उलझाव बनाता चला जाता है। अगर किसी भी दिन आपको खयाल गिनती करो; सौ से एक तक गिनती करो। बस, गए आप! कभी | आ जाए कि इस अंतर्लोक ज्ञान की खोज में निकलना है, तो यह नहीं होगा। इससे नींद नहीं आएगी। और अगर कभी आती हुई | | उलझावों को रहने देना अपनी जगह; उलझावों के बीच ही 'मालूम पड़ी, तो वह इससे नहीं आएगी। कर-करके थक जाएंगे; | कभी-कभी भीतर डूबना शुरू कर देना। थोड़ी देर में पाएंगे कि नहीं आती; छोड़ो। तब आ जाएगी। न करने | लेकिन जैसा मैंने कहा, आदतें खराब हैं। अगर छुट्टी का भी दिन से आएगी। कुछ न करें। पड़े रह जाएं। नींद उतर आती है। हो—अंग्रेजी में नाम अच्छा है, हॉली-डे। दिया तो था इसी खयाल __कुछ न करें; पड़े रह जाएं। होश से भरे रहें। ध्यान उतर आता है, | से कि एक दिन आप कुछ न करेंगे। ईसाइयों का खयाल यही है कि ज्ञान उतर आता है। कुछ न करें। एक घड़ीभर के लिए चौबीस घंटे परमात्मा ने भी छः दिन काम किया और सातवें दिन विश्राम किया। में एक कोने में बैठ जाएं और कुछ न करें। बाहर भी नहीं करें, भीतर रविवार के दिन उसने कोई काम नहीं किया, इसलिए वह हॉली-डे भी नहीं करें। बाहर नहीं करना तो बहुत आसान है। हाथ-पैर छोड़कर हो गया, पवित्र दिन हो गया। बैठ गए, तो बाहर नहीं होगा कुछ। मन भीतर करेगा। उसकी आदत लेकिन बड़े मजे की बात है कि छुट्टी के दिन ज्यादा काम होता है। उसको कभी हमने बिना काम छोड़ा नहीं; उससे काम लेते ही | | है, जितना बाकी दिन होता है। और अमेरिका में तो एक मजाक रहते हैं। कुछ न कुछ करेगा वह भीतर। उसको भी कह दें कि काहे चलती है कि एक दिन की छुट्टी के लिए सात दिन विश्राम करना को परेशान हो रहा है। मत कर। एक दिन में मानेगा नहीं; दो दिन में | | पड़ता है बाद में। इतनी भाग-दौड़ कर लेते हैं लोग छुट्टी के दिन नहीं मानेगा। लेकिन आप भी मत मानें। चलते जाएं।
कि फिर सात दिन विश्राम चाहिए। छुट्टी के दिन इतना काम हो जाता __ आज नहीं कल, कल नहीं परसों, धीरे-धीरे मन पाएगा कि कोई | है। सबसे ज्यादा एक्सिडेंट छुट्टी के दिन होते हैं। सारे लोग निकल उत्सुकता नहीं है आपकी, शिथिलं होने लगेगा। कभी-कभी गैप्स | पड़े हैं समुद्र की तरफ! सारे लोग पहाड़ की तरफ, हिल स्टेशन की आ जाएंगे, खाली जगह आ जाएगी। कुछ नहीं करेगा मन भी। उसी | | तरफ! भारी काम चल रहा है। गले से गले में उलझी हुई कारें लाखों खाली जगह में से अचानक विश्राम, अचानक विश्राम उतर की तादाद में दौड़ी
जा रही हैं। जाएगा। अचानक जैसे कोई बडी गहन शांति ने सब तरफ से । बड़े मजे की बात है। जब सारा बाजार ही बीच पर पहुंच जाएगा, आपको घेर लिया। भीतर, बाहर, सब तरफ आकाश जैसा विराट | | तो बीच पर जाने से क्या होगा! वहां सबके सब पहुंच गए। वही कुछ शांत हो गया, ठहर गया। फिर विराम बढ़ने लगेगा। इस | | सारी दुनिया वहीं खड़ी हो गई! फिर भागे; फिर घर आ गए। फिर विराम में ही ज्ञान भी उतरेगा, इस विराम में आनंद भी उतरेगा। । | वही काम की दुनिया शुरू हो गई!
सांख्य कहता है, कुछ करके नहीं पाना है। जो पाना है, वह हमारे पवित्र क्षण का या पवित्र दिन का अर्थ है कि उस दिन कुछ मत
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