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निष्काम कर्म
यह मार्टिन बूवर को पता हो या न हो, दुनिया में अगर कुछ डायलाग हुए....फिल्मों के डायलाग की बात नहीं कर रहा हूं। क्योंकि जो पहले से तैयार कर लिया गया हो, वह डायलाग नहीं होता। वह तो सिर्फ आदमी नहीं बोल रहा, हिज मास्टर्स वाइस का वह जो कुत्ता बैठा रहता है, वही बोल रहा है। आदमी नहीं है वहां।
गीता एक डायलाग है, एक संवाद है। वहां कृष्ण जरा-सी भी झलक अर्जुन की आंख और चेहरे पर पकड़ रहे हैं। जरा-सा मुद्रा का परिवर्तन, और उन्होंने कहा कि अर्जुन! मूर्खजन ऐसा समझ लेते हैं कि दोनों अलग हैं। अर्जुन को ठिकाने लगाया होगा उन्होंने। सिर्फ एक डंडा मारा, वह अर्जुन फिर अपनी जगह बैठ गए होंगे।
आज के लिए इतना ही। एक पांच मिनट रुकेंगे। कोई जाएगा नहीं। पांच मिनट बैठे रहें। इतनी देर बैठे हैं, पांच मिनट और बैठे रहें। संन्यासी कीर्तन में संलग्न होते हैं। पांच मिनट अपनी जगह बैठकर चुपचाप उनके भाव को पी जाएं। और फिर चले जाएं। यह संकीर्तन प्रसाद है, इसको लेकर जाएं। बैठे रहें!
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