SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 395
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ m+ समर्पित जीवन का विज्ञान -AAM से...। तो मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आप आग जलाकर, उसमें गेहूं उसकी झंकार से झंकृत होता है। जीवन एक इकोलाजी है, एक डालकर वर्षा कर लेंगे। यह मैं नहीं कह रहा हूं। आग जलाकर, गेहूं | | परिवार है। इस बात को खयाल में रखें, तो कृष्ण का वह सूत्र समझ डालकर आप वर्षा कर लेंगे, यह मैं नहीं कह रहा हूं। मैं उससे कहीं में आ सकता है। ज्यादा गहरी बात कह रहा हूं। मैं आपसे यह कह रहा हूं कि यह तभी एक श्लोक और ले लें। संभव हो पाएगा, जब प्रकृति और मनुष्य दुश्मन की तरह नहीं, मित्रों की तरह, प्रेमियों की तरह, एक ही चीज के हिस्से की तरह जीते हैं। तब हमारा पूरा जीवन यज्ञ हो जाता है। और उस क्षण में अगर हम | | प्रश्नः भगवान श्री, एक छोटा-सा सवाल है। कुछ आग जलाकर भी बादलों से बात करते हैं, तो उसका कोई अर्थ होता | | दिन पहले गुजरात में कोटिचंडी यज्ञ को आपने है। आज नहीं हो सकता। उस दिन जब इतने भाव से भरकर अगर | | मूर्खतापूर्ण बताया था। इस पर दो शब्द कहें कि उसके हम यज्ञ की वेदी बनाते हैं और उसके चारों तरफ नाचकर बादलों से | क्या कारण थे? प्रार्थना करते हैं...। लेकिन आज नहीं हो सकता। मैंने सुना है, एक गांव में बहुत दिनों से वर्षा नहीं हुई है। गांव के बाहर यज्ञ हो रहा है। सारे गांव के लोग प्रार्थना करने जा रहे हैं। वा ह तो मैं अभी भी कह रहा हूं। आपके कोई कोटिचंडी एक छोटा बच्चा छाता लगाकर निकल आया घर से, बगल में छाता प यज्ञ काम के नहीं हैं। क्योंकि यज्ञ करने के पीछे जो दबाकर। लोगों ने, बड़े-बूढ़ों ने कहा, पागल! छाता घर फेंककर भाव. जो मनःस्थिति. जो मनष्य चाहिए. वह मौजद आ। वर्षा तो हो नहीं रही है दो साल से, छाते का क्या करेगा? तो | | नहीं है। रिचुअल है-मुरदा, मरा हुआ। इसमें कोई अर्थ नहीं है। उसने कहा कि आप सब लोग यज्ञ में जा रहे हैं, मैंने सोचा कि यज्ञ न भी करें, वह आदमी वापस लौटा लें, जो यज्ञ का अधिकारी आपको भरोसा होगा कि आपकी प्रार्थना सुनी जाएगी। इसलिए मैं | | है, तो बिना कोटिचंडी यज्ञ किए वर्षा शुरू हो सकती है। सवाल छाता लेकर चल रहा हूं। असल में कृत्य का नहीं है, सवाल गहरे में भाव का है। आप क्या आपको ही भरोसा नहीं है, तो जलाओ आग, डालो गेहूं उसमें।। करते हैं, यह सवाल नहीं है। वह करने वाला चित्त कौन है, उसका और जो पास में है, वह और खराब करो। उससे कुछ होने वाला सवाल है। वह तो नहीं है। वह तो बिलकुल नहीं है। नहीं है। . वे जो वहां यज्ञ की वेदी पर जो इकट्ठे हुए हैं, उनका चित्त वह एक छोटा बच्चा भर उस गांव में यज्ञ करने का अधिकारी प्रार्थनापूर्ण जरा भी नहीं है। जब यज्ञ पूरा हो जाए, तब जिन ब्राह्मणों था; बाकी सब पूरा गांव अधिकारी नहीं था। और यह बच्चा अगर ने यज्ञ करवाया उनके झगड़े देखिए जाकर! किसी को फीस कम सच में ही...। लेकिन घर के बड़े-बूढ़ों ने डांटा-डपटा और छाता मिली, किसी को दक्षिणा कम मिली; कोई नीचे बैठ गया, कोई रखवा दिया कि रख छाता, पागल कहीं का। कोई छीन ले, छुड़ा ऊपर बैठ गया। इन लोगों ने यज्ञ करवाया है! कोई दस रुपए की ले, भीड़-भाड़ में टूट जाए। पानी दो साल से नहीं गिर रहा है। गिरफीस पर आया है रोज, कोई पंद्रह रुपए की फीस पर आया है रोज। गया ऐसे पानी! यह एक ही बच्चा यज्ञ का अधिकारी हो सकता इनके द्वारा आप बादलों तक संदेश पहुंचाएंगे? था। और यह एक बच्चा भी अगर पूरे प्राणों से प्रार्थना करे, तो | एक मित्र हैं मेरे। कुछ दिन हुए मिलने आए थे। पूरी जिंदगी बादल भी आ सकते हैं। क्योंकि हम सब जुड़े हैं। हम इतने अलग | उन्होंने जैन साधु-साध्वियों को शिक्षण देने में बिताई। साधुनहीं हैं, जितने बादल और हम दिखाई पड़ते हैं। साध्वियों को धर्म की शिक्षा देते पूरी जिंदगी बीत गई। न मालूम इस जगत में कुछ भी अलग-अलग नहीं है, सब संयुक्त है। | | कितने साधु-साध्वी उन्होंने ट्रेंड किए। मैंने उनसे पूछा कि जिंदगी इस जगत में दूर से दूर का तारा भी मेरे हाथों से जुड़ा है। दूर से दूर हो गई, आप अब तक साधु नहीं बने? उन्होंने कहा कि मेरा काम का तारा भी आपके हाथों से जुड़ा है। अनंत-अनंत दूरी पर जो है, तो सिर्फ साधु-साध्वियों को शिक्षा देने का है। सिखाते क्या हैं? वह भी मेरे शब्दों की ध्वनि से प्रतिध्वनित होता है। अनंत दूरी पर । | सिखाते हैं साधु होना। कि साधु ठीक से कैसे होना! साधु के नियम जो है, वह भी मेरे हृदय की झंकार से झंकृत होता है, मेरा हृदय भी | क्या! साधु की साधना क्या! मैंने कहा, चालीस वर्ष तक दूसरों को 365
SR No.002404
Book TitleGita Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages512
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy