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________________ - आत्म-विद्या के गूढ़ आयामों का उदघाटन पर एक नहीं लिए जा सकते हैं, यह तकलीफ है। शरीर के रस शरीर से ही | लेकिन सात सौ साल पहले हवाई जहाज ही नहीं था। इसलिए बड़ी लिए जा सकते हैं। मुश्किल में वैज्ञानिक पड़ गए हैं उस नक्शे को पाकर। बहुत अगर एक कामुक आत्मा है, सेक्सुअल आत्मा है और उसके कोशिश की गई कि सिद्ध हो जाए कि वह नक्शा सात सौ साल पास अपना शरीर नहीं है, तो सेक्सुअलिटी तो पूरी होती है, शरीर | | पुराना नहीं है, लेकिन सिद्ध करना मुश्किल हुआ है। वह कागज नहीं होता, इंद्रियां नहीं होतीं। अब उसकी पीड़ा आप समझ सकते | | सात सौ साल पुराना है। वह स्याही सात सौ साल पुरानी है। वह हैं। उसकी पीड़ा बड़ी मुश्किल की हो गई। चित्त कामुक है, और | भाषा सात सौ साल पुरानी है। जिन दीमकों ने उस कागज को खा उपाय बिलकुल नहीं है, शरीर नहीं है पास में। वह किसी के भी लिया है, वे छेद भी पांच सौ साल पुराने हैं। लेकिन वह नक्शा बिना शरीर में प्रवेश करके कामवासना को तृप्त करने की चेष्टा कर हवाई जहाज के नहीं बन सकता। सकती है। ___ तो एक तो रास्ता यह है कि सात सौ साल पहले हवाई जहाज शुभ आत्माएं आमतौर से प्रवेश नहीं करतीं, जब तक कि रहा हो, जो कि ठीक नहीं है। सात हजार साल पहले रहा हो, इसकी आमंत्रित न की जाएं। अनइनवाइटेड उनका प्रवेश नहीं होता। | संभावना है; सात सौ साल पहले रहा हो, इसकी संभावना नहीं है। क्योंकि उनके लिए शरीर की कोई आकांक्षा नहीं है। लेकिन | | क्योंकि सात सौ साल बहुत लंबा फासला नहीं है। सात सौ साल इनविटेशन पर, आमंत्रण पर, उनका प्रवेश हो सकता है। आमंत्रण | | पहले हवाई जहाज रहा हो और बाइसिकल न रही हो, यह नहीं हो का मतलब इतना ही हुआ कि अगर कोई ऐसी घड़ी हो, जहां उनका | | सकता। क्योंकि हवाई जहाज एकदम से आसमान से नहीं बनते। उपयोग किया जा सके, जहां वे सहयोगी हों और सेवा दे सकें, तो उनकी यात्रा है-बाइसिकल है, कार है, रेल है, तब हवाई जहाज उपलब्ध हो जाती है। बुरी आत्मा हमेशा अनइनवाइटेड बन पाता है। ऐसा एकदम से टपक नहीं जाता आसमान मे। प्रवेश करती है, घर के पीछे के दरवाजे से; भली आत्मा आमंत्रित तो रास्ता यह है कि हवाई जहाज रहा हो, जो कि सात सौ साल होकर प्रवेश कर सकती है। | पहले नहीं था। लेकिन भली आत्माओं का प्रवेश निरंतर कम होता चला गया | । दूसरा रास्ता यह है कि अंतरिक्ष के यात्री आए हों-जैसा कि है, क्योंकि आमंत्रण की विधि खो गई है। और बुरी आत्माओं का | | एक रूसी वैज्ञानिक ने सिद्ध करने की कोशिश की है कि किसी प्रवेश बढ़ता चला गया है। क्यों? क्योंकि संकल्प दीन-हीन और | | दूसरे प्लेनेट से कोई यात्री आए हों और उन्होंने यह नक्शा दिया हो। नकारात्मक, निगेटिव हो गया है। इसलिए आज पृथ्वी पर देवता | लेकिन दूसरे प्लेनेट से यात्री सात सौ साल पहले आए हों, यह भी की बात करना झूठ है; भूत की बात करना झूठ नहीं है। प्रेत अभी | संभव नहीं है। सात हजार साल पहले आए हों, यह संभव है। भी अस्तित्ववान हैं; देवता कल्पना हो गए हैं। क्योंकि सात सौ साल बहुत लंबी बात नहीं है। इतिहास के घेरे की __ लेकिन देवताओं को बुलाने की, निमंत्रण की विधियां थीं। | बात है। हमारे पास कम से कम दो हजार साल का तो सुनिश्चित सारा वेद उन्हीं विधियों से भरा हुआ है। उसके अपने सीक्रेट इतिहास है। उसके पहले का इतिहास नहीं है। इसलिए इतनी बड़ी मैथड्स हैं कि उन्हें कैसे बुलाया जाए, उनसे कैसे तारतम्य, उनसे | घटना सात सौ साल पहले घटी हो कि अंतरिक्ष से यात्री आए हों कैसे कम्युनिकेशन, उनसे कैसे संबंध स्थापित किया जाए, उनसे | और उसका एक भी उल्लेख न हो, जब कि सात सौ साल पहले चेतना कैसे जुड़े। और निश्चित ही, बहुत कुछ है जो उनके द्वारा | की किताबें पूरी तरह उपलब्ध हैं, संभव नहीं है। ही जाना गया है। और इसीलिए उसके लिए आदमी के पास कोई ___ मैं तीसरा सझाव देता है, जो अब तक नहीं दिया गया। और वह प्रमाण नहीं है। सुझाव मेरा यह है कि यह जो नक्शे की खबर है, यह किसी आत्मा अब यह जानकर आपको हैरानी होगी कि सात सौ साल पुराना | के द्वारा दी गई खबर है, जो किसी व्यक्ति में इनवाइटेड हुई। जो एक पृथ्वी का नक्शा बेरूत में मिला है। सात सौ साल पुराना, पृथ्वी | किसी व्यक्ति के द्वारा बोली। का नक्शा, बेरूत में मिला है। वह नक्शा ऐसा है, जो बिना हवाई | | पृथ्वी गोल है, यह तो पश्चिम में अभी पता चला। ज्यादा समय जहाज के नहीं बनाया जा सकता। जिसके लिए हवाई जहाज की नहीं हुआ, अभी कोई तीन सौ साल। लेकिन हमारे पास भूगोल ऊंचाई पर उड़कर पृथ्वी देखी जाए, तो ही बनाया जा सकता है। शब्द हजारों साल पुराना है। तब भूगोल जिन्होंने शब्द गढ़ा होगा, 1451
SR No.002404
Book TitleGita Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages512
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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