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IT गीता दर्शन भाग-1 AM
दिखाई पड़ रहा है, यह जन्म के साथ शुरू होता है और मृत्यु के वे आने-जाने के हैं। घर में कोई आया और गया। तो आदमी तो साथ समाप्त होता है। यह आता और जाता है।
| प्रतीकों का उपयोग करेगा। प्रतीक कभी भी ठीक-ठीक नहीं होते। एक और शरीर है जो आत्मा के लिए और भीतर का वस्त्र है, | | आने-जाने की बात बहुत ठीक नहीं है आत्मा के संबंध में। अब कहें कि अंडरवियर है। यह ऊपर का वस्त्र है यह शरीर, वह जरा | आत्मा को हम कैसा प्रतीक, किस प्रतीक से कहें! कृष्ण के वक्त भीतरी वस्त्र है। वह शरीर पिछले जन्म से साथ आता है। वह सूक्ष्म | में तो प्रतीक और भी नहीं हैं। प्रतीक तो बहुत क्रूड हैं। उनसे हमें शरीर है। सूक्ष्म है, इसका अर्थ इतना ही कि यह शरीर बहुत काम चलाना पड़ता है। जैसे उदाहरण के लिए, एक-दो उदाहरण पौदगलिक, मैटीरियल है, वह शरीर इलेक्ट्रानिक है। वह शरीर लेने से खयाल में आ जाए। विद्युत-कणों से निर्मित है। वह जो विद्युत-कणों से निर्मित दूसरा ___ एक आदमी किसी समुद्र में एक छोटे-से द्वीप पर रहता है। वहां शरीर है, वह आपके साथ पिछले जन्म से आता है। वही यात्रा | कोई फूल नहीं होते। पत्थर ही पत्थर हैं। रेत ही रेत है। वह आदमी करता है। वह भी यात्रा करता है।
यात्रा पर निकलता है और किसी महाद्वीप पर बहुत-से फूल देखकर वह शरीर, दूसरा सूक्ष्म शरीर स्थूल शरीर में प्रवेश कर जाता है, | लौटता है। उसके द्वीप के लोग उससे पूछते हैं कि क्या नई चीज गर्भ में प्रवेश कर जाता है। उसका प्रवेश होना वैसा ही | | देखी? वह कहता है, फूल। वे लोग कहते हैं, फूल यानी क्या? आटोमैटिक, स्वचालित है, जैसे पानी पहाड़ से उतरता है, नदियों | व्हाट डू यू मीन? तो उस द्वीप पर फूल नहीं होते, अब वह क्या से बहता है और सागर में चला जाता है। जैसे पानी का नीचे की करे! वह नदी के किनारे से चमकदार पत्थर उठा लाता है, रंगीन तरफ बहना प्राकृतिक है, ऐसा ही सूक्ष्म शरीर का अपने योग्य पत्थर उठा लाता है। वह कहता है, ऐसे होते हैं। अनुकूल शरीर में प्रवाहित होना एकदम प्राकृतिक घटना है। निश्चित ही, उस द्वीप का कोई आदमी इस पर सवाल नहीं
इसलिए साधारण आदमी मरता है तो तत्काल जन्म मिल जाता | | उठाएगा। क्योंकि सवाल का कोई कारण नहीं है। लेकिन उस है, क्योंकि चौबीस घंटे पृथ्वी पर लाखों गर्भ उपलब्ध हैं। | आदमी की—जो फूल देखकर आया है—बड़ी मुसीबत है। कोई असाधारण आदमी मरता है तो समय लगता है, जल्दी गर्भ नहीं प्रतीक उपलब्ध नहीं है, जिससे वह कहे। मिलता। चाहे बुरा आदमी मरे असाधारण, चाहे अच्छा आदमी मरे हम जिस जगत में जीते हैं, वहां आना-जाना प्रतीक है। तो जन्म असाधारण, दोनों के लिए बहुत प्रतीक्षा का समय है। दोनों के लिए | को हम कहते हैं आना, मृत्यु को हम कहते हैं जाना। लेकिन सच तत्काल गर्भ उपलब्ध नहीं होता। रेडीमेड गर्भ सिर्फ बिलकुल में ही आत्मा न आती है, न जाती है। तो इसके लिए एक प्रतीक मेरे मध्यवर्गीय लोगों को मिलते हैं। उनके लिए रोज गर्भ उपलब्ध हैं। खयाल में आता है, वह शायद और करीब है, वह आपके समझ इधर मरे नहीं कि उधर गर्भ ने पुकारा नहीं। इधर मरे नहीं कि गर्भ में आ जाए। के गड्ढे में बहे नहीं। इसमें देर नहीं लगती।
अभी पश्चिम में उनका खयाल है कि पेट्रोल से ज्यादा दिन तक लेकिन बहुत बुरा आदमी, जैसे हिटलर जैसा आदमी, तो | | कार नहीं चलाई जा सकेगी। क्योंकि पेट्रोल ने इतना नुकसान कर मुश्किल हो जाती है। हिटलर के लिए मां-बाप की प्रतीक्षा में काफी | | दिया है। इकोलाजी का एक नया आंदोलन सारे योरोप और समय लग जाता है। गांधी जैसे आदमी को भी काफी समय लग अमेरिका में चलता है। इतनी गंदी कर दी है हवा पेटोल ने कि जाता है। इनके लिए जल्दी गर्भ उपलब्ध नहीं हो सकता। हमारे आदमी के जीने योग्य नहीं रह गई है। तो अब पेट्रोल से कार नहीं हिसाब से कभी सैकड़ों वर्ष भी लग जाते हैं। उनके हिसाब से नहीं | चलाई जा सकती, तो बिजली से ही चलाई जाएगी। या तो बैटरी से कह रहा हूं। उनके लिए टाइम-स्केल अलग है। हमारे हिसाब से | | चलाई जाए, तो थोड़ी महंगी होगी। या बिजली से चलाई जाए। कभी सैकड़ों वर्ष लग जाते हैं। जैसे ही योग्य गर्भ उपलब्ध हुआ | लेकिन बिजली से चलाने के लिए कैसे चलाई जाए? बिजली कि वैसे ही योग्य सूक्ष्म शरीर उसमें प्रवेश कर जाता है। सारी यात्रा कार को कैसे मिलती रहे? इन्हीं शरीरों की है। अब आत्मा किस भांति संबंधित होता है इस तो रूसी वैज्ञानिकों का एक सुझाव कीमती मालूम पड़ता है। सब में?
| उनका कहना है, इस सदी के पूरे होते-होते हम सारे रास्तों के नीचे असल में हमारे पास अब तक जो भी प्रतीक हैं, आदमी के पास, | | बिजली के तार बिछा देंगे। सारे रास्तों के नीचे बिजली के तार बिछा