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पांडरगगनम् महासिद्धांतः । शमदमादि दिव्यशक्त्याचरणे क्षेत्र पात्र पटुता ।
परात्पर संयोगः तारकौपदेशः । अद्वैतसदानंदो देवता नियमः । स्वान्तरिन्द्रियनिग्रहः ।
शुद्ध परमात्मा उनका आकाश है। यही महासिद्धांत है।
शम-दम आदि दिव्य शक्तियों के आचरण में क्षेत्र और पात्र का अनुसरण करना ही चतुराई है।
परात्पर से संयोग ही उनका तारक उपदेश है।
अद्वैत सदानंद ही उनका देव है।
अपने अंतर की इंद्रियों का निग्रह ही उनका नियम है।