________________
शून्यं न संकेतः। परमेश्वर सत्ता। सत्यसिद्धयोगो मठः। अमरपदं न तत् स्वरूपम्।
आदिब्रह्म स्व-संवित्। अजपागायत्री विकारदंडो ध्येयः।
मनोनिरोधिनी कन्था।
शून्य संकेत नहीं है।
परमेश्वर की सत्ता है। सच्चा और सिद्ध हुआ योग (संन्यासी का) मठ है। उस आत्मस्वरूप के बिना अमरपद नहीं है।
आदि ब्रह्म स्व-चेतन है। अजपा गायत्री है। विकार-मुक्ति ध्येय है। मन का निरोध ही उनकी कन्था है।