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शुद्धिपत्रम् ।
अशुद्धपाठाः
पृष्ठांकाः
पंक्तयंकाः
शुद्धपाठाः
स
२९ ३१
१७ ७
अतिशुद्ध व्यपायथं स्थिता स्वलक्षणीमति कीर्तितोस्तास्तु दक्षिणयो चान्तरेग्न
अविशुद्ध ... व्यपाश्रयं ... स्थिती
स्वलक्षणमिति ... कीर्तितास्तास्तु ... दक्षिणयोः
चान्तरग्ने
d,
भद
सर्वत्रस्मि वायु
सर्वत्रास्मि ... वायुः
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१२
त्रुटि त्रुटि
२४
तावकफौ नतरं वास ब्रो स्ति बिल्ब सितरक्त
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... तृटिः
वातकको नन्तरं
वासक ... त्रो वस्ति ... बिल्वं
सितषष्टिकरक्त
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१९ २३
थ्थ दिति सकलिंगकः
१८
... दति
कलिंगकैः
गुरुणः
गुरुणोः इत्याभिः ।
१२०
इत्येभिः
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१२१
तास्त्रि व्याख्यायां
ता त्रि
१२२
व्याख्याया
दुबर्ल
१२४
दुर्बल
१३५
पिप्पलीमूल
विप्पलीमूल एतत् पीत
१४१
... १४२
७
... पीतं