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________________ ( ४ ) ( ५ ) प्रमाणभूत डॉक्टरों का ढंढोरा ( उद्घोषणा ) बहुत दफे ऐसा पूछा जाता है कि, वेजीटेरियन याने अन्न, फल और वनस्पति के भोजन के विषय में कौनसे प्रसिद्ध डॉक्टरों का मत है ? उनलोगों के लिये यह जाहेर सूचना बहुत ही उपयोगी होगी । यह सूचना प्रसिद्ध डॉक्टरों ने प्रकट की है, और लंडन के पत्रों में भी छपी थी । इन डॉक्टरोंने स्वयं वेजिटेरियन भोजन पर रह करके अपने रोगियों पर प्रयोग करने के पश्चात् ही प्रसिद्ध किया है कि ' मनुष्यों की संपूर्ण तन्दुरस्ती के लाभ को अत्यन्त उपयोगी भोजन वेजीटेरियन है, न कि मांस मछली का | 66 हम नीचे हस्ताक्षर करने वाले डॉक्टरों ने बेजीटेरियनीक्षम याने अन्न, फल, वनस्पति के खोराक को विद्याकी सूक्ष्मता से अन्वेषण किया है और उनके मूलतत्त्वोंका अनुभव लाने के बाद यह सूचना करके प्रसिद्ध करते हैं कि - ' वेजीटेरियन खोराक की रूढि विद्याके दृढ़ सिद्धान्त पर रची हुई है इतना ही नहीं किन्तु वह मनुष्य की जिन्दगी को उत्तम दशा की और लेजानेवाली है । अन्न, फल, वनस्पति का खोराक, शरीर के बन्धनों को उपयोगी तत्व देता है, और रसायनिक तथा पदार्थ-विज्ञान शास्त्र की प्रयोगशाला के प्रयोगों पर से नहीं किन्तु बहुत से मनुष्योंने नियमित रीति से जी करके अपने उदाहरण से ऐसा सिद्ध कर दिखाया है कि, वे तत्त्व, मांस में से मिलते हुए तत्त्व से बहुत ही शीघ्र पाचन होते हैं । हम वेजीटेरियनीलम को, विद्या की दृष्टि से संपूर्ण और संतोषकारक रूढि कहते हैं, तदुपरान्त पशु और जानवर दुःखों के आधीन होते हैं इस बात को ध्यान में लेनेसे और अन्न, फल, वनस्पति से प्राप्त होनेवाले भोजन का स्वच्छ हाल देखन से निश्चय से मानते हैं कि मांसका भोजन छोड़ देने से तंदुरस्ती को लाभ होता है तथा सुन्दरता की दृष्टिसे देखने से " टेरियन भोजन अध्यन्त दर का 1
SR No.002390
Book TitleAhimsa Digdarshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaydharmsuri
PublisherYashovijay Jain Granthmala
Publication Year1923
Total Pages144
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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