SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 294
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जागो और जीओ असोकं विरजं सुद्धं तमहं ब्रूमि ब्राह्मणं ।। 'जिसने यहां पुण्य और पाप दोनों की आसक्ति को छोड़ दिया है, जो विगतशोक, निर्मल और शुद्ध है, उसे मैं ब्राह्मण कहता हूं।' सूत्रों के पूर्व दृश्य को खूब मनन करो। दृश्य पर ध्यान करो। रेवत स्थविर सारिपुत्र का छोटा भाई था। बारात जाती थी। घोड़े पर बैठा होगा। लेकिन बीच से भाग गया। क्या हो गया? दुनिया में तीन तरह के लोग हैं। पहले, जिन्हें हम मूढ़ कहें, बुद्धिहीन कहें। वे अनुभव से भी नहीं सीखते हैं। बार-बार अनुभव हो, तब भी नहीं सीखते हैं। वे पुनः-पुनः वही भूल करते हैं। वे भूलें भी नयी नहीं करते हैं। वे भूलें भी पुरानी ही दोहराते हैं। उनके जीवन में नया कुछ होता ही नहीं। उनका जीवन कोल्हू के बैल जैसा होता है। बस, उसी में डोलता रहता है। वही चक्कर काटता रहता है। गाड़ी के चाक जैसा घूमता रहता है। एक आदमी अपनी पत्नी से बहुत पीड़ित था। और कई बार अपने मित्रों से कह चुका था कि अगर यह मेरी स्त्री मर जाए, तो मैं दुबारा सपने में भी विवाह की न सोचूंगा। फिर स्त्री. मर गयी, संयोग की बात। और पांच-सात दिन बाद ही वह आदमी नयी स्त्री की तलाश करने लगा। तो उसके मित्रों ने पूछाः अरे! अभी पांच-सात दिन ही बीते। और तुम तो कहते थे, सपने में न सोचूंगा। उन्होंने कहाः छोड़ो भी। जाने भी दो। उस समय की बात उस समय की थी। सब बदल गया अब। सभी स्त्रियां एक जैसी थोड़े ही होती हैं। उसने दुख दिया, तो सभी दुख देंगी, ऐसा थोड़े ही है। उसने फिर विवाह कर लिया और फिर दुख पाया। तब वह अपने मित्रों से बोला कि तुम ठीक ही कहते थे। अब यह भी अनुभव हो गया कि सभी स्त्रियां एक जैसी हैं। कुछ भेद नहीं पड़ता। सब संबंधों में दुख है। और यह विवाह का संबंध तो महादुख है। अब कभी नहीं। अगर भगवान एक अवसर और दे, तो अब कभी न करूंगा विवाह। पुरानी कहानी है। भगवान ने सुन लिया होगा। एक अवसर और दिया! पत्नी फिर मर गयी। साधारणतः पहली पत्नी नहीं मरती! अक्सर तो ऐसा होता है कि पत्नी पति को मारकर ही मरती है। तुमने देखा, विधवाएं दिखायी पड़ती हैं। स्त्रियों की शारीरिक उम्र पुरुषों से ज्यादा है; पांच साल ज्यादा है, औसत। अगर आदमी सत्तर साल जीएगा, तो स्त्री पचहत्तर साल जीएगी। और एक मूढ़ता के कारण कि जब हम विवाह करते हैं, तो हम पुरुष की उम्र तीन-चार-पांच साल ज्यादा...। लड़का होना चाहिए इक्कीस का और लड़की होनी चाहिए सोलह की या अठारह की। तो पांच साल का तो 279
SR No.002389
Book TitleDhammapada 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy