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एस धम्मो सनंतनो
बुलाने के। मुझे पता है कि बाहर की सुबह बड़ी प्यारी है। परमात्मा की बनायी हुई हर चीज प्यारी है। लेकिन भीतर मैं बनाने वाले को देख रही हूं। भीतर आओ। सृष्टि सुंदर है, लेकिन स्रष्टा के मुकाबले क्या!
हसन ने तो ऐसे ही बात कही थी कि बाहर आ राबिया! सोचा होगाः पुकार लूं, झोपड़े के बाहर आ जाए। लेकिन राबिया ने उस अवसर पर जो वक्तव्य दिया, वह महावाक्य है।
उसने कहा ः हसन, बाहर की सुबह प्यारी है-सच। मैंने भी देखी है। लेकिन मैं उस प्यारे को देख रही हूं, जिसने उस सुबह को बनाया, जिसने सब सुबह बनायी। आओ, उस चितेरे को देखो। तुम भीतर आओ।
यही मैं तुमसे कहता हूं।
बाहर की प्रतीक्षा हो चुकी बहुत। आंख बंद करो। आंख बंद करने से आंख खुलती है। आंख खुली रखने से आंख बंद रह जाती है।
आज इतना ही।
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