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एस धम्मो सनंतनो
कहां रखना है। कवि ही उनको आगे-पीछे रखकर उनमें स्वर और छंद पैदा कर देता है । कवि ही शब्दों का कलाकार है ।
जैसे चित्रकार रंगों को जानता है, और मूर्तिकार छैनी और रूप को जानता है, वैसे कवि शब्दों की भाव-भंगिमा जानता है, और उन्हें आगे-पीछे रखना जानता है। उनके विन्यास से काव्य का जन्म होता है।
बुद्ध ने इतना ही कहा कि मेरा बेटा कवि है। अब तुम समझो कि कवि का क्या अर्थ होता है।
पुरानी भाषा में, पुराने शास्त्रों में कवि और ऋषि में कोई भेद नहीं किया गया है । कवि और ऋषि एक ही अवस्था के नाम हैं। थोड़ा सा फर्क है, इसलिए दो शब्द उपयोग किए हैं।
ऋषि उसको कहते हैं: जिसने पूरा-पूरा जान लिया। कवि उसको कहते हैं: जिसे झलकें मिलीं। कवि भी किन्हीं - किन्हीं अवस्थाओं में ऋषि हो जाता है । जैसे रवींद्रनाथ गीतांजलि को लिखते समय ऋषि हो गए हैं; कवि नहीं हैं। गीतांजलि ऐसे ही पवित्र है, जैसे उपनिषद | मगर रवींद्रनाथ की सभी कविताएं ऐसी नहीं हैं। कुछ कविताओं में वे कवि हैं; भूमि पर हैं। कुछ कविताओं में आकाश में उड़ लेते हैं।
इसलिए तुम कभी खयाल रखना, कभी-कभी ऐसा होता है: तुम किसी की कविता पढ़कर एकदम आंदोलित हो उठते हो। मगर कवि को खोजने मत निकल जाना! नहीं तो कहीं बैठे होंगे होटल में, बीड़ी पी रहे होंगे। और तब तुम एकदम चौंकोगे कि यह क्या हुआ ! कविता तो ऐसी ऊंची थी कि एक क्षण को ऐसा लगा कि परमात्मा के पास उड़ान भरी है। एक क्षण तो ऐसा लगा कि प्रेम का द्वार खुला। और ये महाराज! आम आदमी से भी गए - बीते मालूम पड़ते हैं! हो सकता है ये गाली बक रहे हों, झगड़ा-फसाद कर रहे हों । या शराब पीकर किसी नाली में पड़े हों ।
कविता का सौंदर्य देखकर कवि की तलाश में मत निकल जाना। नहीं तो अक्सर बड़ा विषाद होगा। ये सज्जन जो नाली में पड़े हैं शराब पीकर, गाली-गलौज बक रहे हैं, इनकी क्षमता इतनी ही है कि कभी-कभी ये छलांग लगा लेते हैं; कभी किसी क्षण में ये उठ जाते हैं। मगर वह उठना सदा नहीं टिकता। वह इनकी अंतर्दशा नहीं है। बस, क्षणभर को, जैसे बिजली कौंधती है।
कवि ऐसे, जैसे बिजली कौंधती है। ऋषि ऐसे, जैसे सूरज निकला ।
तो बुद्ध कहते हैं: मेरा बेटा यद्यपि अभी ऋषि नहीं हुआ है, लेकिन कवि है। उसको झलकें मिलने लगी हैं। यह अर्हत दशा के करीब पहुंच रहा है। इसको धीरे-धीरे बिजलियां कौंधने लगी हैं। सूरज भी निकलने के करीब है, जल्दी ही निकलेगा। लेकिन एकदम अंधेरे में नहीं है।
तो मार ! हे शैतान ! तू यह मत समझना कि इसे धोखा दे लेगा। मेरे बेटे ने छलांगें लगानी शुरू कर दी हैं । यह कभी-कभी आकाश में उड़ने लगा है। इसने
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