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________________ बुद्धत्व का कमल पहला प्रश्न: उस सुबह बुद्ध ने मौन की परम संपदा महाकाश्यप को प्रतीक फूल देकर दी। फूल सुबह खिलता है और सांझ मुा जाता है। पर झेन की परंपरा आज तक जीवंत है। फूल की क्षणभंगुरता और झेन की जीवंतता को कृपा करके हमें समझाइए। यह प्रश्न महत्वपूर्ण है। ठीक से समझना और याद रखना। -बुद्ध ने क्षणभंगुर को ही स्वीकार किया है। जो है, क्षणभंगुर है। क्षणभंगुर से अन्य कुछ भी नहीं है। इसलिए बुद्ध के विचार को क्षणिकवाद का नाम मिला। प्रतिपल बदलाहट हो रही है। फूल ही नहीं बदल रहा है, पहाड़ भी बदल रहे हैं। फूल ही नहीं कुम्हला रहा है, चांद-तारे भी कुम्हला रहे हैं। बुद्ध ने कहा है : जो जन्मा है, वह मर रहा है। मृत्यु की प्रक्रिया जन्म के साथ ही शुरू हो गयी। कोई दिनभर जीएगा, कोई सौ वर्ष जीएगा, कोई हजार वर्ष, कोई करोड़ वर्ष, इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता। लेकिन प्रत्येक वस्तु प्रतिक्षण गल रही है, मर रही है, विलीन हो रही है। फूल उसका प्रतीक है; और जीवंत प्रतीक है। सुबह 103
SR No.002388
Book TitleDhammapada 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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