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एस धम्मो सनंतनो में क्या सोचते हो। अगर तुम अपनी आंखों के सामने उज्ज्वल हो, तो सारी दुनिया तुम्हें कुछ भी कहे, तुम चिंता मत करना। सत्य घोषणा का उपाय खोज लेगा। अगर तुम अपनी ही आंखों में उज्ज्वल नहीं हो, तो दुनिया तुम्हें कितना ही पूजती रहे, उससे कुछ सार नहीं। असत्य आज नहीं कल खुल जाएगा। असत्य वही है, जो आज नहीं कल खुल जाएगा। और सत्य वही है, जो आज नहीं कल उदघोषित होगा, प्रतिष्ठित होगा। सत्य की प्रतिष्ठा है। असत्य की अप्रतिष्ठा है। ___ यह भी बुद्ध ने अपने भिक्षुओं से कहा, सुंदरी का नाम भी नहीं लिया। वह बात ही नहीं उठायी। उस बात को जैसे छेड़ा ही नहीं। वह बात आयी और गयी।
बुद्ध की यह दृष्टि जीवन की समस्याओं को हल करने की है, खयाल रखना। यह सत्य पर भरोसा है। यह सत्य के प्रति अपूर्व श्रद्धा है। सत्य जीतेगा ही। अन्यथा कभी हुआ नहीं। अन्यथा हो नहीं सकता। सत्यमेव जयते। .
एस धम्मो सनंतनो।
आज इतना ही।
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